________________
विशेष लाभ है । राजकीय लाभ भी एकता से ही प्राप्त किया जा सकेगा यह काफी बल देकर समझाया । पूज्य श्री अरुणविजयजी म.सा. के उपदेश, एवं प्रेरणा से नई नई संस्थापित श्री महावीर जैन सेवा केन्द्र के उत्साही युवा कार्यकर्ता श्रीमान यशवन्तजी, श्रीमान रतन पावेचा,प्रवीण कुमारजी, सुभाषजी, बाबुलालजी आदि अनेकों ने काफी प्रशंसनीय योगदान दिया। श्री सम्मेतशिखर तीर्थ रक्षा अभियान
वर्तमान काल में सबसे जटिल प्रश्न समग्र जैन शासन के समक्ष श्री सम्मेतशिखरजी तीर्थ की रक्षा का है । पूज्य पंन्यासजी श्री अरुणविजयजी म.सा. काफी समयज्ञ एवं सक्षम है । पूज्यश्री ने समस्त बेंगलोर शहर के ४० जिन मंदिरों के अग्रगण्य ट्रस्टीयों को बुलाया
और एक कडी में जोडकर सामूहिक एकता बढाकर कार्य करना चाहा । परिणाम स्वरूप "श्री समस्त बेंगलोर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक महासंघ" की रचना की । स्थापना की। श्रीयुत लक्ष्मीचंदजी कोठारी, एवं रविभाई शाह अध्यक्ष निर्वाचित किये गए। श्री बाबुलालजी पारेख, एवं श्री ज्येष्ठमलजी वकील सा. मंत्री नियुक्त किए गए।
पूज्यश्री ने सम्मेतशिखरजी का सारा स्वरूप समझाया। तथा हस्ताक्षर अभियान एवं फण्ड एकत्रित करने की योजना बनाई । चिकपेठ, गांधीनगर, राजाजीनगर, यशवंतपुर आदि सभी मंदिरों के ट्रस्टों ने देवद्रव्य खाते से बड़ी रकमें घोषित की । तथा अन्य ट्रस्टों ने भी तीर्थ रक्षा हेतु राशी निश्चित की।
__ फण्ड एकत्रित करने के लिए महासंघ की एक अवान्तर समिति की रचना की । और कहते हुए आनन्द होता है कि - बेंगलोर के उदार दानवीर दानदाताओं ने काफी अच्छा सहयोग प्रदान किया । श्रीमान रविभाई शाह, बाबुलालजी पारेख,शा.सागरमलजी कोठारी, कान्तिलालजी जैन, आदि के पुरुषार्थ से दानवीरों ने दान की वर्षा की और देखते ही देखते बडी राशी एकत्रित हो गई। अनेक मण्डलों द्वारा तीर्थ रक्षा अभियान____पूज्यश्रीने अनेक महिला मण्डलों, युवक मण्डलों, बालिका मण्डलों, सेवा मण्डलों को एकत्रित किया। सभी ने तीर्थ रक्षा अभियान को अपना अनिवार्य कर्तव्य समझकर पूज्यश्री का आदेश सिर पर उठाया । और हस्ताक्षर अभियान चलाया । लाखों की संख्या में हस्ताक्षर कराए। साथ ही फण्ड भी एकत्रित किया।
16