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________________ भगवान आदिनाथ एक समय में १०८ आत्माओं के साथ मोक्ष में गए-सिद्ध हए .. उस दिन निगोद में से १०८ आत्माएं बाहर निकली । चैत्री पूर्णिमा को पुंडरीक गणधर स्वामी एक ही दिन में अपने ५ क्रोड साधु परिवार के साथ मोक्ष में गए, उस दिन निगोद में से एक साथ ५ क्रोड आत्माएं निकल कर संसार के व्यवहार में आई । कार्तिक पूर्णिमा की पर्वतिथि के दिन द्राविड और वारिखिल्लजी मुनि भगवंत अपने १० करोड साधु-साध्वीजी के परिवार के साथ एक ही दिन निर्वाण पाए । सर्वकर्म क्षय करके मोक्ष में गए। अतः उस दिन उतनी संख्या में एक साथ इतने १० करोड जीव निगोद में से निकलकर संसार के व्यवहार में आए । वैसे ही फाल्गुण मास की शुक्ल पक्ष की १३ तेरस की तिथि के शुभ दिन शांब और प्रद्युम्नजी भगवान नेमिनाथ प्रभु की आज्ञा से पालीताणा-शत्रुजय गिरिराज पर आकर अनशन करके ८ ॥ करोड (साडे आठ करोड) की संख्या में भांडवा के पर्वतभाग पर से मोक्ष में गए... उस दिन उतनी बडी संख्या में जीव निगोद में से बाहर निकल कर संसार के व्यवहार में आए। इस तरह सिर्फ एक ही तीर्थक्षेत्र शत्रुजय (पालीताणा) पर ही कब कितने मोक्ष में गए, उनका विचार करें तो बहुत बडी सूची बन जाएगी। पाँच पाण्डव भी २० क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। अजितसेन १७ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। बाहुबली के पुत्र सोमयशा १३ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। भरत मुनि ५ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। राम-भरत जी ३ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं । नमि–विनमि विद्याधर २ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। सागर मुनि १ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। श्री सार मुनि १ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। कदंब गणधर १ क्रोड मुनियों के साथ मोक्ष में गए हैं। इतने महापुरुष करोडों के परिवार के साथ शत्रुजय पर निर्वाण पाकर मोक्ष में गए हैं । शायद अश्रद्धा एवं शंका की वृत्ति के कारण किसी को ऐसी शंका भी हो सकती है कि ये करोडों की संख्या कैसे संभव हो सकती है? हो सकता है कि लोग करोडों की १७६ आध्यात्मिक विकास यात्रा
SR No.002482
Book TitleAadhyatmik Vikas Yatra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunvijay
PublisherVasupujyaswami Jain SMP Sangh
Publication Year1996
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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