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है वह मोक्ष में जाएगा ? या जो मोक्ष में जाएगा वह भवी होगा ? इस तर्क के उत्तर से स्पष्ट है कि जो मोक्ष में जाएगा वह निश्चित ही भवी कहलाएगा । इसमें अंश मात्र भी संदेह नहीं है, परन्तु जो भवी है वह मोक्ष में निश्चित जाएगा ही ऐसा निश्चयपूर्वक नहीं कह सकते हैं, यद्यपि मोक्ष विषयक योग्यता भव्य-जीव में ही है । भव्यातिरिक्त अभव्यजीव के मोक्षगमन का प्रश्न ही नहीं उठता है, परन्तु जातिभव्य या दुर्भव्य जीव के लिये, भव्य की जाति के होते हुए भी, मोक्ष प्राप्ति योग्य साधन सामग्री की उपलब्धि के अभाव में कदापि मोक्ष गमन सम्भव ही नहीं है । दूसरी तरफ अनन्तान्त भव्य जीवों की सख्या इतनी है कि अनन्त अनन्त काल तक मोक्ष में जाते रहें तो भी समाप्त नहीं होगी । न तो काल की समाप्ति होगी और न ही भव्य जीवों की संख्या की समाप्ति होंगी। यदि संसार में भव्य जीवों की संख्या समाप्त हो जाये तो एक दिन मोक्ष प्राप्ति का अन्त आ जाएगा । मोक्ष प्राप्ति रुक जायेगी, लेकिन अनन्त भूतकाल इस बात का प्रमाण है कि भूतकाल अनादि अनन्त बीतन के बावजूद भी न तो भव्य जोबों की संख्या समाप्त हुई है और न ही काल की समाप्ति हुई है । ठीक ऐसे ही भविष्य में अनन्तानन्त काल बीतने के बाद भी एक दिन भी ऐसा नहीं आएगा जिस दिन संसार में मोक्ष जाने वाला कोई भव्य जीव शेष ही न बचा हो, और न ही कोई ऐसा दिन आयेगा जब मोक्ष में जाने वाले कई भव्य जीव कतार में खड़े रहे होंगे और काल ही समाप्त हो गया हो, शेष न रहा हो । ऐसा "न भूतो न भविष्यति" न हुआ है, और न होगा। अतः निष्कर्ष यह निकलता है कि संसार अनादि-अनन्त है, काल भी अनादि-अनन्त है, मोक्षगमन की प्रक्रिया भी अनादि-अनन्त काल तक है, और मोक्ष में जाने वाले भव्यजीवों की संख्या भी अनन्तान्त है। अतः भव्य जीवों का मोक्षगमन अनन्तानन्त काल तक होता ही रहेगा । अनेक भव्य जीव ऐसे हैं जो अनन्त काल बीतने के बाद भी मोक्ष में न जाते हुए ससार में ही रहे होंगे । अतः निश्चित रूप से कहना हो तो ऐसा कह सकते हैं कि जो मोक्ष में जाएगा वह भव्य अवश्य ही होगा, परन्तु जो भय होग. वह मोक्ष में जाएग. भी, या नहीं भी जाएगा।
इसी बात को सम्यक्त्वी के दृष्टिकोण से देखने पर तर्क का आकार इस तरह होगा कि जो सम्यक्त्वी होता है वह मोक्ष जाता है या जो मोक्ष में जाता है वह सम्यक्त्वी होता है ? इसके उत्तर में स्पष्ट है कि दोनों एक दूसरे के अविनाभाविपूरक है । अर्थात् जो सम्यक्त्वी होगा वह अवश्य ही मोक्ष में जाएगा और जो मोक्ष में
कर्म की गति न्यारी
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