________________ आना स्त्री सुमतिनाथाय नमः卐 प.पू.मुनिराज श्री अरुणविजयजी महाराज साहेब आदि मुनि मण्डळ के वि० सं० 2043 के चातुर्मास में श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ जयपुर द्वारा सर्व प्रथमबार आयोजित चातुर्मासिक रविवारीय धार्मिक शिक्षण शिविर में चल रही रविवासरीय सचित्र व्याख्यानमाला + “कर्म की गति न्यारी' के विषयक प्रवचन शृङ्खला को प्रस्तुत यह छठी पुस्तिका श्रीमति जीवनकुमारी हीराभाई चौधरी को भावना से एवम दस उपवास के यादगार में श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ, जयपुर ने मुद्रित करवाकर प्रकाशित की है। मुद्रक : अजन्ता प्रिण्टर्स, घी वालों का रास्ता, जौहरी बाजार, जयपुर-302093