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गुण और पर्याय वाला जो हो वह द्रव्य कहलाता है। अतः गुणपर्याय के समूह का नाम द्रव्य है । द्रव्य-गुण को छोड़कर अलग नहीं रहते हैं। गुण गुणी में ही रहते हैं । गुणी को ही द्रव्य कहते हैं । गुणोंवाला, गुणसमूह द्रव्य कहलाता है । उदाहरणार्थ सर्य को छोड़कर सूर्य की किरणे या प्रकाश कहीं अन्यत्र नहीं रहती । भिन्न-भिन्न नहीं रहते । गुणों का आधार स्थान या आश्रयस्थान गुणी-द्रव्य ही है । पर्याय तो आकृति कहते हैं । मूलद्रव्य की प्राकृति--Shape जो होती है उसे पर्याय कहते हैं । उदाहरणार्थ सोना मूल द्रव्य है । सोनेरी रंग-पीलापन उसका मूल गुण है । और अंगूठीकंगन-हार आदि सुवर्ण द्रव्य की पर्याय है आकृति विशेष है। . .
प्रात्मा भी एक द्रव्य है । ज्ञान-दर्शनादि आत्मा के मुख्य ८ गुण हैं ।
(१) अनन्त ज्ञान गुण (२) अनन्त दर्शन गुण (३) अनन्त चारित्र गुण (४) अनन्त वीर्य (शक्ति) गुण (५) अनामी-अरूपी गुण (६) अगुरूलघु गुण (७) अव्याबाध अनन्त सुख गुग (८) अक्षय स्थिति गुण ..
ये आठ गुण आत्मा के मूलभूत प्रमुख गुण है । तद्वान आत्ता अर्थात् इन गुणों वाली आत्मा अर्थात् इन गुणों वाला आत्मा द्रव्य है। ज्ञानदर्शनात्मक चेतना शक्तिवाली होने से आत्मा को ही चेतन द्रव्य भी कहते हैं । अरूपी आत्मा जब किसी आकृति विशेष वाले शरीर में रहती है तब वह आकृति उसकी पर्याय बनती है । उदाहरणार्थ उपरोक्त ८ गुणों वाली आत्मा मनुष्य-देव-नारकी, तिर्यय पशु-पक्षीहाथी-घोड़े के स्वरूप में है अतः ये आत्मा की पर्याय कहलाएगी । ज्ञान गुण की क्रिया है-जानना, दर्शन गुण की क्रिया है देखना । ज्ञान-दर्शनात्मक चेतना शक्ति वाला द्रव्य ही जानने-देखने की प्रवृत्ति करता है । तद् भिन्न अजीव द्रव्य जाननेदेखने की प्रवृत्ति नहीं करता। चूकि उसमें ज्ञान-दर्शन गुण नहीं है । उसी तरह सुख-दुःख की संवेदना का अनुभव भी आत्मा ही करती है । यह आत्मा का ही गुण है । इससे भिन्न अजीव द्रव्य सुख-दुःख की संवेदना का अनुभव नहीं करता. चू कि सुखानुभव यह अजीव का गुण नहीं है । अतः जानना-देखना आदि जो क्रियाएं जगत में प्रत्यक्ष दिखाई देती है अतः इन क्रियाओं का कर्ता कोई अवश्य होना ही चाहिए । क्रिया कर्ता के बिना सम्भव नहीं है। वह कर्ता जीव है, चेतन है । अजीव जाननेदेखने की क्रिया का कर्ता नहीं चूकि ज्ञान-दर्शनादि अजीव के गुण नहीं है । चेतन जीव अपने ज्ञानादि गुणानुरूप ही क्रिया कर सकता है यदि वह कर्मग्रस्त है तो उसकी
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कर्म की गति न्यारी