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(१) जग में नहीं तेरा कोई... नर देख तु निश्चे जोई। (२) आप स्वभाव में अवधु सदा मगन में रहना । जगत जीव है कर्माधीना, अचरिज कछुअ न लीना ।।
तुं नहीं केरा कोई नहीं तेरा, क्या करे मेरा मेरा । तेरा है सो तेरी पासे अवर सब अनेरा..:।। आप.।।
हे आत्मन् ! इस जगत में तेरा कोई नहीं है। यह तु निश्चित ही जानना, समझना। इसलिए तू सदा अपने आत्म स्वरूप में मस्त रहना, लीन रहना । मगन में रहना । क्योंकि सारा संसार कर्माधीन है। इसमें कोई आश्चर्य व्यक्त करने जैसा कुछ भी नहीं है। कर्म की विचित्रता से भरे इस संसार में क्या आश्चर्य व्यक्त करें? किस बात पर आश्चर्य व्यक्त करें? संसार में सब कुछ आश्चर्य से ही भरा पड़ा है, अतः ऐसे संसार में कुछ भी देखने जैसा नहीं है। निरर्थक क्यों मेरा-मेरा कहकर दुःखी हो रहा है। अरे ! जो कुछ तेरा है वह तो तेरे ही पास है। बाहरी जगत् में तेरा कुछ भी नहीं है। निरर्थक कस्तूरी मृग की तरह मारा मारा क्यों भटक रहा है? कस्तूरी हिरन की नाभी में ही है और उसे भ्राति हो गई कि सुगन्ध कहीं बाहर से आ रही है,अतः वह हिरन जंगल में चारों तरफ भटकता है, दौडता है, अंत में शिकारी का भक्ष्य बन जाता है। वही परिस्थिति अज्ञानी जीव की है। स्वयं स्व का ज्ञान नहीं है, दुनिया भर के पौद्गलिक भौतिक पदार्थों में मोह रखकर उन्हें अपना मान रहा है। जो अपना नहीं है, जो अपने नहीं हैं उन्हें अपना मान रहा है, उनमें अपनेपने की बुद्धि रख रहा है । मेरा-मेरा कहकर, मेरा-मेरा मानकर जीवन भर भटक रहा है और अंत में जीवन लीला समाप्त कर आयुष्य पूरा कर देता है मनुष्य जन्म जैसा कीमती भव हाथ से गंवा देता है। यह कैसा भयंकर अज्ञान है। अज्ञान ही सभी पापों की मूल जड़ है। अज्ञान ही सभी दुःखों की मूल जड़ है। अज्ञान ही कर्म का प्रमुख कारण है। ज्ञान माहात्म्य :
जगत् में ज्ञान की महिमा अपरंपार है । ज्ञान की जगत् में सब कुछ है । ज्ञान सूर्यवत् प्रकाशक है। सूर्य अंधकार को दूर कर चारों तरफ प्रकाश फैलाता है वैसे ही सम्यग् ज्ञान अज्ञान रूपी तिमिर को हटाकर जीवन में प्रकाश फैलाता है। "नाणं पयासगं सोहओ' के शब्द विशेषावश्यक भाष्य में दिये हैं। ज्ञान से ही जन्म सफल गिना जाता है। न केवल ज्ञान ही अपितु तदनुरूप आचरणादि चारित्र योग आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति कराता है। सारभूत तत्त्व बताते हुए कहा है कि -
लोगस्स सारो धम्मो, धम्मपि य नाणं सारयं बिंति । नाणं संजम सारं, संजम सारं च निव्वाणम्।।
-कर्म की गति नयारी