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________________ प्रथम अध्ययन : हिंसा-आश्रव ४६ (३)-सउण-दीविय (पीपीलिय) हंस-धत्तरिट्ठग (पव) भास-कुलीकोस-कुच-दगड-डेलि (णि) यालग-सूयीमुह-कविल-पिंगल (क्खग)-कारंडग-चक्कवाग-उक्कोस-गरुल-पिंगुलसुय-बरहिण-मयणसाल-नंदीमुह-नंदमाणग - कोरंक - भिंगारग - कोणालग-जीवजीवकतित्तिर-बट्टग-लावक-कपिजल - कवोतक-पारेवयग - चडग (चिडिग)-लिंक-कुवकुड-वेसरमयूरग-चउरग-हयपोंडरीय-करक-वी (ची) रल्ल-सेण-वायस-विह (हं) ग-भिणासि-चासवग्गुलि-चम्मट्ठिल-विततपक्खि-समुग्गपक्खि-खहयरविहाणाकए एवमादी) हंस, बगुला, बलाका - बगुली, सारस, आडी व सेतीका नामक जलपक्षी, लाल पैरों वाले कुलल नामक हंस, खंजन, चंचल जाति के पारिप्लव, सुग्गे या कोवपक्षी, टिटहरी नामक शकुन, देवी नाम की मादापक्षी, सफेद पंख वाले हंस, · काली चोंच वाले धृतराष्ट्र नाम के हंस, काले मुंह वाले पवभास या भास नामक पक्षी, कुटीक्रोश, क्रौंच, जलमुर्गी, ढेलिकालग नामक जलचरपक्षी या ढेणीकालक, वैया नामक पक्षी, सुगरी, कपिल, पिंगल या पिंगलाक्ष - पहाड़ी कौआ, कारंडक नामक जलचरपक्षी, चकवा, कुरर, गरुड़, लाल तोता, लालमुंह वाला तोता, पिच्छ वाले मोर, मैना, नंदीमुख, भूमिवर्ती दो अंगुलभर के शरीर वाला-नंदमानक, कोरंक, भृगारक, चौकोर आकृति वाले कोणालक, जीवजीवक, चकोर, तीतर, बतक, बटेरलावा,कमेड़ी, कपिजल, कबूतर, विशेष प्रकार के कपोत, चिड़िया,पानी पर चलने वाले ढिंक, गिद्ध, मुर्गा, बेसरया, पिच्छरहित मोर, चतुर चकोर, हृदपुण्डरीक, करकद्रह में पैदा होने वाला, चोरिलिक या वीरल्ल नामक पक्षिविशेष, बाज, कौआ, विहंग नामक पक्षीविशेष, भेनाशित, चास, वल्गुली, चमगीदड़, विततपक्षी और समुद्ग पक्षी—जो मनुष्य क्षेत्र से बाहर रहते हैं ; इस प्रकार जिन आकाशचारी या उड़ने वाले पक्षियों के यहाँ नाम बताए गए हैं, ये और इन जैसे और भी पक्षियों का वे क्रूरकर्मा लोग प्राणवध करते हैं। इस प्रकार (जलथलखहचारिणो) जल, स्थल और आकाश में चलने वाले, (पंचेंदिय) पंचेन्द्रिय, (पसुगणे) पशुगणों का, (बियतियचरिदिए) द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, और चतुरिन्द्रिय, (विविहे) नाना प्रकार के, (पियजीविए) अपनी जिंदगी को अत्यन्त प्यारी समझने वाले, (मरणदुक्खपडिकूले) मृत्यु के दुःख से बिलकुल खिलाफ, (वराए) बेचारे, (जीवे) जीवों का ये (बहुसंकिलिट्टकम्मा) अत्यन्त दुष्टकर्म वाले प्राणी (इमेहि विविहेहि कारणेहिं) इन विविध प्रयोजनों से, (हणंति) वध करते हैं । (किंते ?) वे प्रयोजन कौन-कौन से हैं ?) चम्म-वसा-मंस-मेय-सोणियजगफिप्फिस-मत्थुलुग-हिययंत-पित्तफोप्फस-दंतट्ठा) चमड़े, चर्बी, मांस, मेदा, रक्त, जिगर, फेफड़े, दिमाग-भेजे, हृदय, आँतों, पित्त-फोफस-यानी शरीर का एक भाग-फुप्फुस
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
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