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________________ १२६ १२८ १२८ १३१ १३१ १३८ १५७ मनुष्य पर्याय पाकर भी सुख नहीं कर्मफल भोगे बिना छुटकारा नहीं प्राणवध के दुष्परिणामों की भयंकरता ३-द्वितीय अध्ययन : मृषावाद-आश्रव मृषावाद का स्वरूप और उसकी व्याख्या मृषावाद के पर्यायवाची नाम और उनकी व्याख्या असत्यवादी कौन और किस प्रयोजन से ? व्यवहार में असत्य बोलने वाले और उनकी व्याख्या नास्तिकवादी असत्यवादी दार्शनिक जगत्शून्यवादियों का मत आत्मा को न मानने वाले नास्तिकों का मत पुनर्जन्म, पुण्य-पाप, सुकुत-दुष्कृत इत्यादि न मानने वाले नास्तिक पंच महाभौतिक शरीरवादी नास्तिक नास्तिकवादियों के मत की असत्यता पंचस्कन्धवादी बौद्धों की मान्यता मनोवादियों की मान्यता बौद्धमत की असत्यता वायुजीववादियों की मान्यता तज्जीव तच्छरीरवादियों की मान्यता इस मत की असत्यता दानादि निषेधवादियों की मान्यता एकान्त यदृच्छा, स्वभाव, दैव, नियति, काल आदि मानने वालों का मत इन्द्रियविषयसुखवादी चार्वाकों की मान्यता इन सब मान्यताओं की असत्यता स्वभाववादियों की असत्यता नियतिवादियों की असत्यता काल-मृत्युनिषेधवादियों की असत्यता जगत् की रचना के सम्बन्ध में विविध दार्शनिकों की मान्यताएं पौराणिक मतों की असत्यता ईश्वरकर्तृत्त्ववाद का मत ईश्वरकर्तृत्त्ववाद की असत्यता विष्णुमयसृष्टिवाद का मत १७९ १८३ १८४ १८४ १८४ १८५ १८५ १८७ १८७ १८७ १८८ १८८ १८६ १६० १९२ १६३ १६५ १६५ १९६ १६७ १६६ २०० २०३
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
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