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________________ तृतीय अध्ययन : अदत्तादान - आश्रव - रणसीसलद्धलक्खा संगामम्मि अतिवयंति, सन्नद्धबद्धपरियरउप्पीलियचधपट्टगहिया उहपहरणा, माढिवरवम्मगुडिया, आविद्धजालिका, कवयकंकडइया । उरसिरमुहबद्ध - कंठतोणमाइतवरफलहरचित - पहकरस रहसखरचावकर करंछिय सुनिसित सखरिस च (व) डकर मुयंत- घणचंडवे गधारानिवाय मग्गे, अणेगधणुमंडलग्ग संधिताउच्छलियसत्ति-सूल कणग वामकरगहियखेडग निम्मल निकिट्ट खग्ग-पहरंतकोंत तोमर चक्क गया परसु मुसल लंगल-सूल-लउलभिडिमाल-सब्बल- पट्टिस- चम्मे- दुघण- मोट्ठिय - मोग्गर- वरफ लिहजंत-पत्थर - दुहण- तोण-कुवेणी - पीढकलिय - ईलीपहरणमिलिमिलि - मिलंत खिप्पंत-विज्जुज्जलविरचितसमप्पहणभतले, फुडपहरणे, महारणसंख भेरि-दुदुभि-वरतूर पउरपडपडहाहयणिणाय गंभीरणं दित्तपक्खुभियविपुलघोसे, हयगय रहजो हतुरितपसरित रयुद्धततमंधकारबहुले, कातरनरणयणहिययवाउलकरे । विलुलियउक्कडवरमउडतिरीडकुडलोडुदामाडोवियापागडपडाग उसियज्झय - वेजयंति - चामरचलंतछत्त धकारगंभीरे हयहे सिय-हत्थिगुलुगुलाइय रहघणघणाइय-पाइक हरहराइय- अफ्फोडियसीनाय छेलिपविघुट्ठकुट्ठकंगसह भीमगज्जिए, सय राह- हसंत-रुसंत कलकलारवे, आसूणियवयणरुद्द े, भीमदसणाधरोट्ठगाढदट्ठे, सप्पहरणुज्जयकरे, अमरिसवसतिव्वरत्तनिद्दारितच्छे, वेरदिट्ठिकुद्धचिट्ठिय-तिवलीकुडिल(य) भिउडिकयनिलाडे, वहपरिणयनरसहस्सविक्कम वियंभियबले, वग्गंत तुरगरहपहाविय समरभडा, आवडियछेयलाघव पहारसाधितासमूस्सि ( सवि ) य बाहुजुयल मुक्कट्टहासपुक्कंत बोलबहुले, फुरफल - गावरण गहिय - गयवर पत्थितदरियभडखल - परोप्परपलग्ग जुद्धगव्वित विउसितवरासिरोसतुरिय अभिमुह पहरित छिन्न- करिकरवियं (रं) गितकरे, अवइद्धनिसुद्धभिन्नफालियपगलियरुहिरकत भूमिकद्दमचिलिचिल्लपहे, कुच्छिदालियगलित · - · २४५ -
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
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