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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
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पट्टणे य साहिति चारियां, पारघाइयपंथघातियाओ साहंति य गठियाणं, कयं च चोरियं नगरगोत्तियाणं, लंछण - निल्लंछणधमण दुहण-पोसण- वणण - दुमणवाहणादियाइ साहिति बहूणि गोमियाणं, धातुमणिसिलप्पवालरयणागरे य साहिति आगरीणं, पुप्फविहि फलविहि च साहिति मालियाणं, अग्घमहुको सए य साहिति वणचराणं, जंताई विसाई मूलकम्मं आहेवण (आहिव्वण ) - आविंधण - आभिओग-मंतोसहिप्पओगे चोरियपरदारगमणबहुपावकम्मकरणं उक्खंधे गामघातियाओ वणदहण-तलागभेयरणाणि बुद्धिविसविणासणाणि वसीकरणमा दियाइं भयम रणकिले सदो सजणणाणि भावबहुसंकि लिट्टमलिणाणि भूतघातोवघातियाई (असच्चाई) ताई हिंसकाई वयणाई उदाहरति । पुट्ठा वा अपुट्ठा वा परतत्तियवावड़ा य असमिक्खिय भासिणो उवदिसंति सहसा उट्टा गोणा गवया दमंतु, परिणयवया अस्सा हस्थी गवेलगकुक्कडा य किज्जंतु, किणावेध य विक्केह यह य सयणस्स देह पिय (ध) य, दासि - दासभयकभाइल्लका य सिस्सा य पेसकजणो कम्मकरा य ( किंकरा ) य एए सयणपरिजणो यकीस अच्छंति । भारिया भे करित्तु (करेत्तु ) कम्मं, गहणाई वणाई खेत्तखिलभूमिवल्लराई उत्तणघणसंकडाइ उज्झतु, सूडिज्जंतु य रुक्खा, भिज्जंतु जंतभंडाइयस्स उवहिस्स कारबहुविहस्य अट्ठा उच्छ दुज्जंतु, पीलिज्जंतु य तिला, पयावेह य इट्टकाउ मम घरट्ठयाए, खेताई कंसह कसावेह य, लहुं गामआगर नगर खेडग कव्वडे निवेसेह, अडवीदेसेसु विपुलसी मे पुप्फाणि य फलाणि य कंदमूलाई कालउत्ताइं गेण्हेह, करेह संचयं परिजणट्टयाए, साली वीही जवा य लुच्चंतु मलिज्जंतु उप्पणिज्जंतु य लहुं च पवितु य कोट्ठागारं, अप्पमहउक्कोसंगा य हंमंतु पोयसत्था सेणा णिज्जाउ, जाउ डमरं, घोरा वट्टं तु य संगामा, पवहंतु य सगडवाहणाइं, उवणयणं चोलगं विवाहो जन्नो अमुगम्मि उ होउ
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