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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
से भरी हुई बावड़ियों में, उबलते हुए सीसे से भरी हुँई वैतरणी नदी में, कदम्ब के फूल के समान आकार वाली तीक्ष्ण रेत पर और धधकती हुई गुफाओं में नारकियों को फेंक कर या धकेल कर, गर्मा गर्म कंटीले तथा अत्यन्त वजनदार होने के कारण कठिनाई से चलने वाले रथ में जोत कर,तपे हुए लोहे के मार्ग पर चला कर एवं बैलों की तरह दूसरों द्वारा बहुत वजन लादकर चलाये जाकर तथा इन आगे कहे जाने वाले अनेक प्रकार के हथियारों से नारकी परस्पर एक दूसरे को पीड़ा देते हैं।
वे हथियार कौन-कौन से हैं ? इसके उत्तर में शास्त्रकार कहते हैं'मुद्गर, मुसुढि,करौत, त्रिशूल, हल, गदा, मूसल, चक्र, भाला, तोमर (तबर), शूली (बल्लम), लाठी, भिंडीमाल (गोफन), बरछी, पट्टिस नामक एक प्रहरण, चमड़े से लपेटा हुआ एक प्रकार का पाषाण, द्र घण (तोप या विशेष प्रकार का मुद्गर), हथौड़ा, तलवार या कटार, ढाल, दुधारी तलवार, धनूष, बाण, नली वाला बाण, कैंची, वसूला, कुल्हाड़ा, कांटेदार शस्त्र, तथा तीखी नोक या पैनी धार वाले चमचमाते हुए हथियारों व और भी अनेक प्रकार के सैकड़ों अशुभ आयुधों से, जो कि कृत्रिम या अकृत्रिम तरीकों से विक्रिया के द्वारा बना लिए जाते हैं, सीधे प्रहार करते हुए, निरन्तर तीव्र वैरभाव धारण किये हुए वे नारकीय जीव, पूर्व वैर का स्मरण करके परस्पर एक दूसरे को पीड़ा के लिए उकसाते हैं।
इसी प्रकार वहाँ मुद्गरों के प्रहार से नारकियों के शरीर चूर-चूर कर दिये जाते हैं, मुसुढि नामक शस्त्र से शरीर जर्जर कर दिया जाता है, दही की तरह उनका शरीर मथ दिया जाता है, कोल्हू वगैरह यंत्रों में पीलने से वे थर्राते हैं तो उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिये जाते हैं, यहाँ कई नारकियों को चमड़ी उधेड़ कर विकृत कर दिया जाता है, उनके नाक, कान और
ओठ जड़मूल से काट लिये जाते हैं, हाथ पैर काट लिये जाते हैं, उनका प्रत्येक अंग तलवार, करौत, तीखे भालों और कुल्हाड़ों के प्रहार से फाड़ दिया जाता है और वसूले से छील दिया जाता है, उनके शरीर पर कलकल करता हुआ गर्मागर्म खार सींचा जाता है, जिससे शरीर जल जाता है, फिर भालों की नोंक से उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिये जाते हैं, इस प्रकार उनके सारे शरीर का कचूमर निकाल दिया जाता है, उनका अंग-अंग सूज जाता है। ऐसी स्थिति में वे बेचारे नारकीय जीव जमीन पर लुढक जाते हैं, निढाल होकर भूमि पर गिर जाते हैं।
__ वहाँ पर हमेशा मानो बिना खाये हुए रहने वाले, भूख से पीड़ित मदोन्मत्त भेड़िये, शिकारी कुत्त', गीदड़, कौंए, बिलाव, अष्टापद, चीते, बाघ