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जैन तत्व कलिका
द्वितीय कलिका
गुरु स्वरूप :
गुरु की महिमा गुरु के लक्षण
पांच महाव्रत एवं उनकी भावनाएं
पंचाचार (ज्ञान, दर्शन आदि ) तप वर्णन
आचार्य के छत्तीस गुण ( विविध दृष्टियों से )
आठ सम्पदाएं
उपाध्याय का सर्वागीण
स्वरूप :
उपाध्यायपद
महत्व व कर्तव्य पच्चीस गुण
आगम परिचय
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उपाध्याय जी की सोलह उपमाएं
साधु का सर्वागीण स्वरूपसाधु – अर्थ, लक्षण, विविध
नाम
सत्ताईस गुण
दशविध समाचारी
बारह भावनाएं
बारह भिक्षु प्रतिमाएं पाँच चारित्र : बाईस परिषह
सत्रह प्रकार संयम :
श्रमधर्म | लब्धियां
इकतीस उपमाएं