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५० अमरदीप चित्रण किया है । नारी का बाहरी सौन्दर्य अनुपम है, आकर्षक है, रमणीय है, परन्तु उसके अनुरूप आन्तरिक सौन्दर्य से ओत-प्रोत नारी विरली ही होती है, जिसे शास्त्रीय शब्दों में सती, साध्वो, आर्या, पतिव्रता, धर्मपत्नी आदि कहा गया है। ऐसी नारी सुशिक्षित, सदाचारिणी एव सुसंस्कारिणी होती है । ऐसी नारी का जीवन उदात्त, प्रशस्त, शीलगुणविभूषित, दिव्यकुल की प्रशस्तिरूप, सुवासित, मधुरजल तुल्य एवं शालोन मनोहर योगकन्या के सदृश है । साथ ही बाह्य-सौन्दर्य होते हुए भी आन्तरिक सौन्दर्य-विहीन नारी के विविध रूप बताये हैं। कोई नारी उस मालती के फूलों-सी होती है, जिसके चारों ओर सांप लिपटे हुए हैं। ऐसो नारो वासनापीड़ित है, असदाचारिणी है, जो कामवासनाओं के सांपों को लिपटाये हुए है। कोई नारी स्वर्णगुफासी है। उसका बाह्य आकर्षण बहुत अधिक है, वह सजी-धजी, अपटूडट अभिनेत्री-सी रहती है, शृगारप्रिय है, परन्तु उस में कोमलता या दया नहीं है, क रता का प्रतीक सिंह उसकी अन्तर्गुफा में दहाड़ रहा है। कुछ नारियाँ पुष्पमाला के सदृश कोमलांगो और सुन्दर होती हैं, परन्तु वह पुष्पमाला ही जहरीली है, अर्थात् - उनके दिल में छल-कपट, धूर्तता और माया भरी हुई है। कई नारियाँ गंध-पुटिका के समान होती हैं, उनकी सुगन्ध दूर-दूर तक आती है, कामलोलुप पुरुष-भ्रमर उन पर मंडराते हैं, किन्तु वे ऐसी जहरीली गन्धपुटिका हैं, जो कुछ ही दिनों में अपने साथ कामी का भी सर्वनाश कर देती हैं । कुछ नारियाँ बाहर से निर्मल जलधारा-सी लगती हैं, परन्तु उनके हृदय में काम, क्रोध, लोभ और मद का गहरा भंवरजाल होता है, जिसमें कामपिपासु व्यक्ति फंसकर अपने प्राण गंवा बैठते हैं। कई ऐसी नारियाँ भी होती हैं, जो स्वयं मदिरा के समान मतवाली होती हैं, और अपने सम्पर्क में आने वाले को भी दुराचार का नशा चढ़ा देती हैं तथा वह नशा उनके लिए गरल बन जाता है ।
जिस नारो के स्वभाव में स्वार्थ, माया, दम्भ, कठोरता और दुरा- . चार है, वह देश और समाज दोनों को रसातल में पहुंचा देती है।
सुन्दर स्वभाव की नारी कुल की इज्जत बढ़ाती है, वहाँ कुत्सित स्वभाव की नारी कुल की सारी प्रतिष्ठा को चौपट कर देती है। चेटक और कोणिक के महाशिलाकटक महायुद्ध की ज्वाला में चिनगारी का काम करने वाली कोणिक की रानी पद्मावती थी। उसी के स्वार्थी और ईर्ष्यालु हृदय ने दोनों कुलों को युद्ध की ज्वाला में धकेल कर एक करोड़ अस्सी लाख व्यक्तियों का संहार करवा दिया।
स्वार्थिनी नारी पैसे को सम्मान देती है। आने पारिवारिक जनों को