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________________ 'आत्मनिष्ठ सुख की साधना के मूल मन्त्र तुच्छे जणंमि संवेगो, निव्वेदो उत्तमे जणे । अत्थि तादीण भावाणं विसेसो उवदेसणं ॥ १० ॥ सामण्णे गोतणीमाणा, विसेसे मम्मवेदिणी | सवण्णु भासिया वाणी णाणावत्योदयंतरे ॥ ११ ॥ सव्व सत्त-दयो वेसो, णारंभो ण परिग्गही । सत्तं तवं दयं चेव, भासंति जिणसत्तमा ।।१२।। २४१ अर्थात् - तुच्छ जन में संवेग रहता है, और उत्तम जन में निर्वेद रहता है । दीनभावों के अस्तित्व में विशेषरूप से ( खास ) उपदेश दिया जाता है ।।१०।। सर्वज्ञ-भाषित वाणी नाना अवस्था और उदय ( कर्मोदय) के भेद से सामान्य व्यक्ति में गीतरूप बनकर रह जाती है, जबकि विशेष व्यक्ति के मर्म को वेध देती है, अर्थात् - उसके हृदय को स्पर्श कर जाती है । अथवा नाना अवस्था और उदय के अन्तर से वीतराग वाणी सामान्य में गीतरूप होती है और विशेष में मर्मवेधनी ॥ ११ ॥ जिनेश्वरदेव समस्त प्राणियों पर दया, वेश (मुनि के रूप), अनारम्भ अपरिग्रह, सत्त्व - सद्भाव, तप और दया का उपदेश देते हैं ॥ १२ ॥ अनन्त - अनन्त युग से आत्मा गति कर रहा है, उसकी दौड़ भौतिक पदार्थों की ओर हो रही है, जिसका वेग विषम है । और उसकी ऐसी गतिप्रगति दुख की ओर ले जाती है । किन्तु जब वह स्वात्मोपलब्धि के लिए मोक्षाभिमुख प्रयत्न करता है, तब वही उसका संवेग होता है, जो सुख की ओर ले जाता है । इसी प्रकार विषयों के प्रति अनासक्ति भाव निर्वेद है, वह भी सुख की ओर ले जाता है । & आचार्य सिद्धसेन संवेग और निर्वेद की व्याख्या इस प्रकार करते हैं - नरकादि गतियों (उनके दुःखों) को देखकर मन में एक प्रकार की भीति पैदा होना संवेग है और विषयों में अनासक्तिभाव निर्वेद है । प्रस्तुत व्याख्या के सन्दर्भ में अर्ह तर्षि बता रहे हैं कि तुच्छजनों (अभाव पीड़ितों एवं निर्धनों आदि) में संवेग प्रमुख रहता है, क्योंकि उन्हें भय रहता है कि कहीं हम दुर्गति में न चले जाएँ ? पूर्वकृत अशुभ कर्मों के उदय से तो मैं साधनविहीन परिवार में आया, और अब भी यदि अशुभ कर्मों में लिप्त रहा तो पुनः दुर्गति का पथिक बनूँगा । परन्तु जो साधन सम्पन्न हैं, धन-वैभव और भोगसामग्री की जिनके यहाँ प्रचुरता है, एक दिन वे इन भोगों से ऊब जाते हैं,
SR No.002474
Book TitleAmardeep Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherAatm Gyanpith
Publication Year1986
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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