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________________ उद्घाटित हुए हैं जो जिज्ञासु साधकों के लिए उपयोगी ही नहीं परमोपयोगी हैं। इस महान कृति को प्रकाश में लाने का श्रेय है-अमर मुनि जी को, जो एक प्रतिभासंपन्न, प्रवचन - कला- प्रवीण मुनि हैं। जब वे प्रवचन करते हैं तो श्रोता झूम उठते हैं। यह एक ऐसी ऐतिहासिक देन है जो युग-युग तक आलोक प्रदान करती रहेगी । - देवेन्द्र मुनि शास्त्री जैन स्थानक, मदनगंज-किशनगढ़ 5 सितम्बर 1983 ००० अनुशंसा स्व. ज्ञानमहोदधि आचार्य प्रवर श्री आत्माराम जी म. की जन्म शताब्दी वर्ष के सन्दर्भ में जैन योग सिद्धांत और साधना नामक ग्रंथ का प्रकाशन किया जा रहा है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है। उपरोक्त ग्रन्थ से अध्यात्म विद्या योग के प्रेमी निश्चय ही नवीनतम मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। 44 'जैन योग सिद्धांत और साधना" के लेखक तो आदरणीय हैं ही, साथ ही सम्प्रेरक, सम्पादक एवं सहयोगी सम्पादक का परिश्रम भी सम्माननीय है। मुझे आशा है इस ग्रंथ के माध्यम से ध्यान एवं साधना प्रक्रिया में सजग रहने वाले मुमुक्षु वर्ग अधिकाधिक संख्या में लाभान्वित होंगे। - प्रवर्त्तक रमेश मुनि ००० * अभिमत / प्रशस्ति पत्र 431
SR No.002471
Book TitleAdhyatma Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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