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________________ साधक को 'अहं' पद के जप-ध्यान से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। उनमें से कुछ ये हैं (1) उसकी मस्तिष्कीय शक्तियाँ अति प्रबल हो जाती हैं। (2) आधुनिक विज्ञान के अनुसार आर.एन.ए. रसायन (जो मस्तिष्क की समस्त गतिविधियों को संचालित करता है) की प्राणवत्ता और सक्रियता बढ़ जाती है। परिणामस्वरूप साधक के लिए अतीन्द्रिय ज्ञान के मार्ग खुल जाते हैं, ज्ञान तन्तुओं के सजग और शक्तिशाली बनने से विशिष्ट ज्ञान की प्राप्ति होती है। (3) साधक की वासना-कामना क्षीण हो जाती हैं। (4) कषायों का वेग और उत्तेजना समाप्त हो जाती है। (5) अनिर्वचनीय सुख और आनन्द की प्राप्ति होती है। (6) वचनसिद्धि होती है। (7) शरीर में स्फूर्ति आती है। ___ (8) प्रमाद का नाश होकर अप्रमत्तता आती है। इस प्रकार 'अहं' की साधना साधक के लिए अति लाभकारी और शक्ति, स्फूर्ति तथा शान्ति देने वाली है। यह ध्यान-साधना कर्म-निर्जरा और आत्म-शुद्धि का प्रबल साधन है। अतः अध्यात्मयोगी साधक के लिए अवश्य करणीय है। ००० * नवकार महामंत्र की साधना * 395 *
SR No.002471
Book TitleAdhyatma Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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