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उदारमना सहयोगी
स्व. डॉ. श्री विजय कुमार जी जैन एवं उनके सुपुत्र स्व. श्री अजय कुमार जैन की पुण्य स्मृति में प्रस्तुत पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। डॉ. साहब अपने समय के सुप्रसिद्ध एवं लोकप्रिय चिकित्सक रहे। मानव सेवा में उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया।
अपने पति एवं पुत्र की स्मृति में श्रद्धाशील सुश्राविका श्रीमती रेखा जैन ने प्रस्तुत पुस्तक के प्रकाशन का व्यय वहन कर अपनी आस्था को पुलकित किया है। श्रीमती रेखा जैन एक धर्मप्राण श्राविका हैं जो दान-पुण्य एवं धार्मिक-सामाजिक अनुष्ठानों में सदैव अपना सहयोग प्रदान करती रहती हैं।
• आपके सुपुत्र श्री रिंकू जैन एवं सुपुत्री श्रीमती संजू जैन पर भी आपके धार्मिक संस्कारों की गहरी छाप है। श्रीमती संजू जैन कालांवाली में विवाहित हैं। इनके पति श्री महेन्द्र जैन एक कुशल व्यवसायी एवं जैन समाज के अग्रगण्य व्यक्ति हैं। श्री महेन्द्र जैन एस. एस. जैन सभा कालांवाली के अध्यक्ष पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में ओढां जैन समाज के अध्यक्ष हैं " जहां इनके नेतृत्व में जैन स्थानक का निर्माण हो रहा है।
स्मरण रहे - श्रीमती रेखा जैन हमारे युवामनीषी श्री वरुण मुनि जी महाराज की संसार पक्षीय मौसी हैं । प्राप्त सौजन्य के लिए 'श्री पद्म प्रकाशन' आपका हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन करता है।
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- अध्यक्ष पद्म प्रकाशन नरेला मण्डी दिल्ली