SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १४ अध्याय २६ श्लोक २०१ ० ११०-१११ दृश्य जगत् की उत्पत्ति; देवताओं, मन्त्रों, तन्त्रों, मुद्रा आदि का पराशक्ति से प्रादुर्भाव । श्लोक १८ श्रध्याय ३० देवी प्रतिमा निर्माण एवं उसकी विभिन्न प्रकार की सामग्री का वर्णन । अध्याय ३१ रथयात्रा महोत्सव का विधान बन्दियों को क्षमा-दान । श्लोक ४६ अध्याय ३२ विभिन्न स्थानों एवं तिथियों में देवी पूजा का फल, देवी पीठों का वर्णन लक्षण एवं निर्माण विधि; ब्राह्मणों द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा; मातृमण्डल, भूत तन्त्र; एवं गरुड विद्या का वर्णन । श्लोक ४१ ; १० ११४-११६ महिलाओं द्वारा मंगल गान; महोत्सव के अवसर पर अध्याय ३६- पृ० ११२-११३ श्लोक ११० श्रध्याय ३३ पू० १२१-१३३ शुक्र द्वारा शिव की स्तुति शिव की पूजा का माहात्म्य दुर्गाव्रत का वर्णन देवी के विभिन्न नामों का स्मरण । शिव द्वारा देवी का स्तवन । श्रध्याय ३४ इलोक १६: पृ० १३४- १३५ देवी मन्दिर को सजाने की विधि एवं फल; देवीशास्त्र में पारंगत व्यक्तियों का समादर । पृ० ११७-१२० देवी प्रतिमा 'विद्या श्लोक ३२ अध्याय ३५ ध्वज निर्माण विधि एवं देवीमन्दिर की सजावट, ध्वज दान महोत्सव का विधान श्लोक ३४६ अध्याय ४० ग्रह देवी द्वारा उग्रसेन राक्षस का वधं । पृ० १३० १३८ अध्याय ३७ इलोक १०३: १० १४३-१४९ पृ० १५० देवी के विभिन्न नामों का निर्वचन; प्राय ५० नामों का उल्लेख; देवी का एकत्व । श्रध्याय ३८श्लोक १०; देवी के विभिन्न स्वरूपों एवं देवीपीठों का वर्णन | अध्याय ३६इलोक १८५ १० १५१-१६३ देवी के विभिन्न पीठों का विशद वर्णन मन्त्रविद्या का माहात्म्य सुबल एवं दुन्दुभि का वध देवी क्षेमंकरी का प्रादुर्भाव; मत्स्य, मांस, मदिरा आदि का क्षेमंकरी देवी के पूजन में उपयोग; सम्पत्ति, पत्नी एवं आत्मा का दान; ६४ विद्याओं की प्रशंसा । श्लोक २१; पृ० १३-१४२ पु० १६४-१६५
SR No.002465
Book TitleDevi Puranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpendra Sharma
PublisherLalbahadur Shastri Kendriya Sanskrit Vidyapitham
Publication Year1976
Total Pages588
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, L000, & L015
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy