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________________ अध्याय १७ श्लोक ५०; शिव द्वारा देवी की स्तुति सप्त मातृकाओं का वर्णन देवी का पर्वतों पर निवास । श्रध्याय १८ श्लोक ११; देवीद्वारा राक्षसों के साथ युद्ध एवं सुषेण का वध । अध्याय १६ श्लोक १२: जया, अजिता मोर अपराजिता देवियों द्वारा राक्षसों का वध । अध्याय २० श्लोक ३५; पृ० ८६ - ६१ भाग्य की महिमा ; घोर का महिषरूप धारण; तथा देवी द्वारा महिषासुर और उसके साथियों का वध | श्लोक १४: अध्याय २२ महानवमी के दिन देवी पूजा विधान होम; शिव पूजा, देवी रथ यात्रा महोत्सव । ; • पृ० ८१-८६ अध्याय २१ श्लोक १५: पृ० ६२ ; महिष वध के अनन्तर देवताओं द्वारा देवी स्तवन देवी पूजा माहात्म्य, महाष्टमी एवं महानवमी का विस्तृत वर्णन । अध्याय २५ वसुधारा दान फल और देवी हवन । पृ० ८७ अध्याय २३- श्लोक २१ ; आश्विन नवरात्रों में देवी पूजा फल वन देवी के ध्वज पर पशु-पक्षियों का चित्रण । लोक २१: ; अध्याय २४ पृ० ६७-६८ अनेक संक्रान्तियों का वर्णन तथा पूजा करने का फल द्विजाति चाण्डाल, और चोरों आदि द्वारा पूजन विधान । श्लोक २०; पृ० ८८ पृ० ६३-६४ १०१५-१६ पू० ११-१००. इलोक ४७ अध्याय २६ पृ० १०१-१०४ देवी होम विधान:, कुण्ड - निर्माण; नक्षत्र हवन; लोकपाल-हवन, मुद्रा मन्त्र, हृदय मन्त्र प्रादि का वर्णन अग्निप्रशंसा; ब्राह्मण भोजन और कन्यापूजन आदि । श्लोक १७: अध्याय २८ मन्दिरों पर्वत शिखरों आदि पर देवीपूजा का फल देवी माहात्म्य के पाठ का फल । श्लोक ३८ अध्याय २७ पु० १०५-१०७ अग्नि की लपटों द्वारा साधक का हिताहित विचार विभिन्न अवसरों पर वसु धारा दान विधि और फल । पृ० १०८-२०१ १३
SR No.002465
Book TitleDevi Puranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpendra Sharma
PublisherLalbahadur Shastri Kendriya Sanskrit Vidyapitham
Publication Year1976
Total Pages588
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, L000, & L015
File Size11 MB
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