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________________ तर्कशास्त्र व व्याकरण के निष्णात् विद्वान बने । उनकी उपदेश - शक्ति एवं व्याख्यान कुशलता भी अत्युत्तम थी। वे दोनों आचार्य पद से विभूषित हुए । माघ सुदि 4 शनिवार वि. सं. 1238 में सोमप्रभ सूरीश्वर जी ने मातृका - चतुर्विंशतिपट्ट की प्रतिष्ठा कराई थी। यह पट्ट आज भी शंखेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ में विद्यमान है एवं पूजा जाता है । वि.सं. 1283 में उन्होंने भीलडिया तीर्थ में पार्श्वनाथ तीर्थ की यात्रा की एवं वि.सं. 1284 में संघ के साथ शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा की। आचार्य मणिरत्नसूरि जी अत्यंत विनयी थे। सोमप्रभ सूरि जी उनके गुरुभाई थे किंतु वे तो उन्हें गुरु की तरह ही मानते थे। इसीलिए अपने शिष्य परिवार को अपने कालधर्म पश्चात् सोमप्रभ सूरि जी की सेवा में रहने का निर्देश दिया। मणिरत्न सूरि जी ने पंजाब में भी विहार किया।' दुग्गड़ वंशावली में उल्लेख है कि उच्चनगर के श्री ईश्वरचन्द्र जी दुग्गड़ के सुपुत्र थिरदेव ने मणिरत्न सूरि जी की पावन निश्रा में पंजाब के जैन तीर्थों की यात्रा के लिए छ: री पालित संघ निकाला था। लिखा है - " श्री थिरदेवेन उच्चनगरात् श्री मणिरत्नसूरि-सार्थं यात्रासंघ - सहितेन कृत्वा संघपति पदं दत्तं " इस समय आचार्य श्री जी की आयु लगभग 80 वर्ष की थी। वे मुनिरल सूरि जी के नाम से भी प्रख्यात थे। इनके सांसारिक भाई ने इनके पास दीक्षा ली थी और वे जगच्चंद्र सूरि जी बने । आचार्यद्वय ने साथ मिलकर शासन की अपूर्व प्रभावना की । साहित्य रचना : आचार्य सोमप्रभ सूरि जी कुशल कवि, मधुर लेखक एवं समर्थ ग्रंथकार - साहित्यकार थे। उनकी रचनाएं संख्या में कम हैं परंतु सभी लोकोपयोगी हैं। उनके शतार्थ काव्य के कारण वे शतार्थी के रूप में प्रसिद्ध थे। उनकी प्रमुख कृतियों का परिचय इस प्रकार है 1) 2) - सुमतिनाह चरिय (समुतिनाथ चरित्र ) यह रचना 9500 श्लोक परिमाण है। इसका प्रारंभ वि.सं. 1240 में किया तथा पूर्णाहुति वि.सं. 1241 में हुई । कवि श्रीपाल के पुत्र महामात्य सिद्धपाल की पाटण में वसति ( पोषाल) में रहकर सोमप्रभ सूरि जी ने इसकी रचना की। कुमारपाल पडिबोहो (कुमारपाल प्रतिबोध ) - महावीर पाट परम्परा यह आचार्य सोमप्रभ सूरि जी की 136
SR No.002464
Book TitleMahavir Pat Parampara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChidanandvijay
PublisherVijayvallabh Sadhna Kendra
Publication Year2016
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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