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________________ 22) प्रमादाप्रमाद 23) नंदीसूत्र 24) अनुयोगद्वार सूत्र 25) देवेन्द्रस्तव 26) तंदुलवैचारिक 27) चन्द्रवेध्यक 28) सूर्यप्रज्ञप्ति 29) पोरिसीमंडण 30) मंडलप्रवेश 31) विद्याचरणविनिश्चय 32) गणिविद्या 33) ध्यानविभक्ति 34) मरणविभक्ति 35) आत्मविशुद्धि 36) वीतरागश्रुत 37) संलेषणाश्रुत 38) विहारकल्प 39) चरणविधि 40) आतुरप्रत्याख्यान 41) महाप्रत्याख्यान 42) उत्तराध्ययन 43) दशाश्रुतस्कंध 44) बृहत्कल्प सूत्र 45) व्यवहार सूत्र 46) निशीथ सूत्र 47) महानिशीथ सूत्र 48) ऋषिभाषित 49) जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति 50) द्वीपसागरप्रज्ञप्ति 51) चंद्रप्रज्ञप्ति 52) लघुविमान प्रविभक्ति 53) महाविमान प्रविभक्ति 54) अंगचूलिका 55) वर्गचूलिका 56) विवाहचूलिका 57) अरुणोपपात 58) वरुणोपपात 59) गरुडोपपात 60) धरणोपपात 61) वैश्रमणोपपात 62) वेलंधरोपपात 63) देवेन्द्रोपपात 64) उत्थान सूत्र 65) समुत्थान सूत्र 66) नागपरियावलिका 67) निरयावलिका 68) कल्पावतंसिका 69) पुष्पिका 70) पूष्पचूला 71) वृष्णिदशा 72) आशीविषभावना 73) दृष्टिविषभावना 74) चारणस्वप्नभावना 75) महास्वप्नभावना 76) तेजोग्निनिसर्ग 77) दोगिद्धिदशा .. 78) दीर्घदशा 79) बंधदशा 80) संक्षिप्तदशा 81) प्रश्नव्याकरण दशा 82) पंचकल्प 83) गतिप्रवाद 84) संसक्तनियुक्ति इन 84 आगमों में प्रथम 11 सुधर्म स्वामी प्रणीत एवं शेष भगवान् के शिष्यों, प्रत्येकबुद्धों एवं पूर्वधरों की रचनाएं हैं। अनेकानेक ग्रंथ विलुप्त 12वें अंग दृष्टिवाद से उद्धृत थे। प्राकृत महावीर पाट परम्परा
SR No.002464
Book TitleMahavir Pat Parampara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChidanandvijay
PublisherVijayvallabh Sadhna Kendra
Publication Year2016
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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