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वादी श्रमण
(75)
तीर्थंकर : एक अनुशीलन 8 199
अनुत्तर विमान
सामान्य मुनि
गामी श्रमण
(77)
(76)
22900
(अनुपलब्ध)
12650
12400
12000
11000
10450 (10650)
9600
8400
7600
6000
5800
5000
4700
3600
3200
2800
2400
2000
1600
1400
1200
1000
800
1600
23.
600
1200
24.
400
800
विशेष : श्री ऋषभदेव प्रभु ने अपने गणधर पुण्डरीक स्वामी को चतुर्विध संघ की अनुज्ञा देने हेतु कान में ‘सूरिमंत्र' सुनाया था। उसी परम्परा का अनुसरण करते हुए आज भी आचार्यपद प्रदान करने हेतु गुरु द्वारा सूरिमंत्र प्रदान किया जाता है।
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4166
21485
129192
232934
254200
269585
245025
200307
156012
59019
48124
38634
38843
39450
40657
41464
43155
32506
28854
21182
9083
11289
10790
10089
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पर्यायान्त भूमि अर्थात् केवलज्ञान के कितने
समय बाद मोक्ष जाना
प्रारम्भ हुआ ? (78)
अन्तर्मुहूर्त (दो घड़ी)
एक दिन बाद
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27
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दो वर्ष
तीन वर्ष
चार वर्ष