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साध्वी संख्या
(65)
1.
2.
3.
4.
5.
6.
3 लाख
3 लाख 30 हजार
3 लाख 36 हजार
6 लाख 30 हजार
5 लाख 30 हजार
4 लाख 20 हजार
7.
4 लाख 30 हजार
8.
3 लाख 80 हजार
9. 1 लाख 20 हजार
101 लाख 6 हजार
11. 1 लाख 3 हजार
12. 1 लाख
13.
14. 62 हजार
15. 62400
16. 61600
17. 60600
18. 60000
19. 55000
20. 50000
21. 41000
22. 40000
23. 38000
24. 36000
1 लाख आठ सौ
तीर्थंकर : एक अनुशीलन 196
प्रमुख साध्वी
(66)
ब्राह्मी
फल्गु (फाल्गुनी)
श्यामा
अजिता
काश्यपी
रति
सोमा
सुमना
वारुणी
सुयशा (सुलसा)
धारिणी
धरणी
धरा (शिवा)
पद्मा
शिवा
श्रुति (शुभा ) दामिनी
रक्षिता (रक्षिका)
बंधु
पुष्पवती
अनिला
यक्षदत्ता
पुष्पचूला
चंदना (चंदनबाला)
श्रावकगण
(67)
श्रेयांस आदि 3 लाख 5 हजार सगर आदि 2 लाख 98 हजार
2 लाख 93 हजार
2 लाख 88 हजार
2 लाख 81 हजार
2 लाख 76 हजार
2 लाख 57 हजार
2 लाख 50 हजार
2 लाख 29 हजार
2 लाख 89 हजार
2 लाख 79 हजार
2 लाख 15 हजार
2 लाख 8 हजार
2 लाख 6 हजार
2 लाख 4 हजार
2 लाख 90 हजार
1 लाख 79 हजार
1 लाख 84 हजार
1 लाख 83 हजार
1 लाख 72 हजार
1 लाख 70 हजार
नन्द आदि 1 लाख 69 हजार सुद्योत आदि 1 लाख 64 हजार आनंद आदि 1 लाख 59 हजार
विशेष : भगवती सूत्र ( व्याख्या प्रज्ञप्ति ) नामक अंग आगम में प्रभु वीर द्वारा समाधान दिए हुए गौतम स्वामी जी के 36 हजार प्रश्नों का संकलन है। तथा उपासकदशांग नामक आगम प्रभु वीर के आनंद आदि 10 प्रमुख श्रावकों का विस्तृत वर्णन है ।