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तीर्थकर : एक अनुशीलन * 195
गण एवं गणधर (62)
साधु संख्या (63)
sim tvorosos
84 95 102 116 100 107 95
84 हजार 1 लाख 2 लाख 3 लाख 3 लाख 20 हजार 3 लाख 30 हजार 3 लाख 2 लाख 50 हजार 2 लाख 1 लाख 84 हजार 72 हजार 68 हजार 66 हजार 64 हजार 62 हजार 60 हजार 50 हजार 40 हजार 30 हजार 20 हजार 18 हजार 16 हजार 14 हजार
प्रमुख गणधर (शिष्य) (64) ऋषभसेन (पुण्डरीक) सिंहसेन चारु वज्रनाभ चमर गणी सुद्योत/सुव्रत/प्रद्योत विदर्भ दिन्न गणी/दत्तप्रभव वराह नन्द/आनन्द/प्रभुनन्द कौस्तुभ सुभूम/सुधर्मा मंदर गणी यश/जस/यशोगणी अरिष्ट चक्रायुध शंबगणी/स्वयंभू कुंभ अभीक्षक/इंद्र/भिषज मल्लि गणी/कुंभ शुभ/शुम्भ वरदत्त गणी आर्यदत्त/शुभदिन्न इन्द्रभूति गौतम
om også
11
11
10
24. | 9 गण, 11 गणधर
विशेष : सभी गणधर भगवंत क्षत्रिय कुल के थे। केवल भगवान महावीर के इन्द्रभूति गौतम आदि
11 गणधर ब्राह्मण कुल के थे। जो प्रभु को वाद में परास्त करने आए थे किन्तु प्रतिबोधित होकर दीक्षित हुए एवं गणधर बने।