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तीर्थंकर : एक अनुशीलन 176
पूर्वभव सम्बन्धी परिचय
क्र.सं. द्वीप (4) जम्बूद्वीप जम्बूद्वीप जम्बूद्वीप जम्बूद्वीप धातकीखंड द्वीप धातकीखंड द्वीप धातकीखंड द्वीप धातकीखंड द्वीप
1. 2. 3. 4. 5. 6. 7.
क्षेत्र (5) पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र
दिशा (6) सीता नदी के उत्तर सीता नदी के दक्षिण सीता नदी के दक्षिण सीता नदी के दक्षिण सीता नदी के उत्तर सीता नदी के दक्षिण सीता नदी के दक्षिणं सीता नदी के दक्षिण सीता नदी के उत्तर सीता नदी के दक्षिण
11
8. 9. 10. 11.
पुष्कर द्वीप पुष्कर द्वीप पुष्कर द्वीप पुष्कर द्वीप धातकीखंड द्वीप धातकीखंड द्वीप घातकीखंड द्वीप
सीता नदी के दक्षिण सीता नदी के दक्षिण
12. 13. 14.
भरत क्षेत्र
मेरु पर्वत के दक्षिण
15.
ऐरावत क्षेत्र भरत क्षेत्र पूर्व महाविदेह क्षेत्र
मेरु पर्वत के उत्तर मेरु पर्वत के दक्षिण सीता नदी के उत्तर सीता नदी के उत्तर
16.
जंबूद्वीप
17.
जंबूद्वीप
पूर्व महाविदेह क्षेत्र
18.
सीता नदी के दक्षिण
जंबूद्वीप 19. जंबूद्वीप
पूर्व महाविदेह क्षेत्र पश्चिम महाविदेह क्षेत्र
सीतोदा नदी के दक्षिण मेरु पर्वत के दक्षिण
भरत क्षेत्र
20. जंबूद्वीप 21. जंबूप
भरत क्षेत्र भरत क्षेत्र
22.
जंबूद्वीप
मेरु पर्वत के दक्षिण मेरु पर्वत के दक्षिण मेरु पर्वत के दक्षिण
23. जंबूद्वीप
भरत क्षेत्र
24. जंबूद्वीप
भरत क्षेत्र
मेरु पर्वत के दक्षिण
विशेष: पूर्वभव में संभवनाथ जी ने दुष्काल के समय अन्नादि से साधर्मिकों की तन-मन-धन से सेवा की एवं साधर्मिक वात्सल्य के उत्तम भाव से तीर्थंकर नामगोत्र बाँधा ।