________________
तीर्थंकर : एक अनुशीलन 8 92
जिज्ञासा - क्या तीर्थंकर हास्य विनोद से सर्वथा रहित होते हैं?
समाधान - तीर्थंकर सर्व जीवों पर मैत्री व आह्लाद भाव रखते हैं, किन्तु हास्यविनोद जो कर्मों के द्वारा व कर्मों से प्रभावित होते हैं, उनसे सर्वथा रहित होते हैं। विनोद 36 प्रकार के बताए हैं1. दर्शन विनोद 2. श्रवण विनोद 3. गीत विनोद 4. नृत्य विगोद 5. लिखित विनोद 6. वक्तृत्व विनोद 7. शास्त्र विनोद 8. शस्त्र विनोद 9. कर विनोद 10. बुद्धि विनोद 11. विद्या विनोद 12. गणित विनोद 13. तुरंगम विनोद 14. गज विनोद ___15. रथ विनोद 16. पभि विनोद 17. आखेट विनोद 18. जल विनोद 19. यंत्र विनोद 20. मंत्र विनोद 21. महोत्सव विनोद 22. फल विनोद 23. पुष्प विनोद 24. चित्र विनोद 25. पतित विनोद 26. यात्रा विनोद ___27. कलत्र विनोद 28. कथा विनोद 29. युद्ध विनोद 30. कला विनोद 31. समस्या विनोद 32. विज्ञान विनोद 33. वार्ता विनोद 34. क्रीड़ा विनोद 35. तत्त्व विनोद 36. कवित्व विनोद
इन सभी विनोदों से तीर्थंकर रहित होते हैं।
एक असंयमी, जानकर हिंसा करता है और दूसरा अनजाने में, शास्त्र में इन दोनों के हिंसाजन्य कर्मबन्ध में महान् अन्तर बताया है।
- बृहत्कल्पभाष्य (3938)