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अध्याय: ५. कवि-प्रतिभा
१२५-१३६ कवि प्रतिभा १२५, काव्यशैली १२५-१२६, प्रश्नोतरेकषष्टिशतं १२६-१२८, शृंगारशतम् १२८-१३३, स्तोत्र-साहित्य १३३-१३६ ।। अध्याय : ६. जिनवल्लभ की साहित्य-परम्परा
१३७-१८४ .. टीकाग्रन्थ और टीकाकार १३७, ग्रन्थों पर टीकायें १३७-१४१, टीकाकारों का परिचय-मुनिचन्द्रसूरि १४१-१४३, रामदेव गणि १४३-१४४, धनेश्वरसूरि १४४-१४६, मलयगिरि १४६-१४७,, हरिभद्रसूरि १४७-१४८, यशोभद्रसूरि १४८-१४६, श्रीचन्द्रसूरि १४६-१५१, यशोदेवसूरि १५१-१५२, उदयसिंहसूरि १५२-१५३, संवेगदेव गणि १५३, युगप्रधान जिनचन्द्रसूरि १५४-१५५, वाचनाचार्य विमलकीर्ति १५५-१५६, जिनपालोपाध्याय १५६-१५६, युगप्रवरागम जिनपतिसूरि १५९-१६१, हर्षराजोपाध्याय १६१-१६२, लक्ष्मीसेन १६२-१६३, महोपाध्याय साधुकीर्ति १६३, उपाध्याय लक्ष्मीवल्लभ १६३-१६४, महोपाध्याय पुण्यसागर १६४-१६६, उपाध्याय साधुसोम १६६-१६७, वाचक कनकसोम १६७-१६८, कमलकीर्ति १६८, उपाध्याय समयसुन्दर १६६-१६६, विमलरत्न १६९, वाचनाचार्य धर्मतिलक १६६-१७०, उपाध्याय गुणविन्य १७०-१७२, उपाध्याय देवचन्द्र १७२-१७३, उपाध्याय जयसागर १७३-१७४, वाचनाचार्य चारित्रवर्धन १७४-१८१, उपाध्याय मेरुसुन्दर १८१-१८२, सैमसुन्दर १८२, उपाध्याय पनराज १८२-१८३, उपसंहार १८४. . परिशिष्ट :
१. युगप्रधान जिनदत्तसूरि रचित जिनवल्लभसूरि-गुणवर्णन १-७ . .. २. नेमिचन्द्र भण्डारी विरचित जिनवल्लभसूरि गुरु-गुणवर्णन ८-१० ..... ३. जिनवल्लभसूरि-स्तुत्यात्मक-पद्याः ।
११-१६ सहायक ग्रन्थों की तालिका
२०-२३ ।