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________________ चित्रकाव्य - परिचय श्री जिनवल्लभसूरि प्रणीत ६ ग्रन्थों के ४२ चित्र-काव्यों की ६ प्लेटें प्रस्तुत पुस्तक में दी गई हैं । किस ग्रन्थ का चित्र काव्य किस प्लेट में और कौन से क्रमांक पर है ? जानकारी हेतु वर्गीकरण' कर रहा हूँ ग्रन्थ का नाम (१) स्तम्भन पार्श्वनाथ स्तोत्र ( चित्रकाव्यमय ) (२) चित्रकूटीय वीर चैत्य प्रशस्ति (३) धर्मशिक्षा प्रकरण (४) संघपट्टक प्रकरण (५) स्तम्भन पार्श्वनाथ स्तोत्र ( चक्राष्टक ) ( ६ ) प्रश्नोत्तरं षष्टिशत काव्य प्लेट संख्या, १ २ चित्र सं० ६. प्रवासहासिबन्ध - : वल्लभ-भारती ] १ चित्र संख्या १,६,७,८ ६, ११ ३५, ३७ १७ २३ १५ २४ २६, ३० २, ३, ४, ५ १०, १२, १३, १४, १५, १६ १६, २०, २१, २२ २५, २६, २७, २८ ३१, ३२, ३३, ३४ ३६, ३८, ३६, ४०, ४१, ४२ न्यानुसार चित्रकाव्यों का परिचय निम्नलिखित है १. स्तम्भन पार्श्वनाथ स्तोत्र ( चित्रकाव्यमय ) - इस स्तोत्र में शक्ति, शूल, शर, मुसल, हल, पत्र, खड्ग और धनुष ८ चित्रकाव्यों का प्रयोग हुआ है । प्रत्येक चित्रकाव्य में गुम्फित श्लोक चित्र 1 • संख्यानुसार निम्नांकित हैं : : चित्र सं० १. बज्रबन्ध ननन्द, बचसाऽमास्तं ध्वस्तासुग गतव्रज । . जगत्तबागमा सारोद्धतमज्जज्जनं जिन ||७|| 1 नमस्कारस्तवाक्षोभयनाभालि सन्नूनिन । नमेन्द्रराजवा नमस्यनल्पनयजरूपकं ॥ ६ ॥ [१
SR No.002461
Book TitleVallabh Bharti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherKhartargacchiya Shree Jinrangsuriji Upashray
Publication Year1975
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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