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जैनत्व जागरण.....
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की प्राचीन गुफाओं में जो प्राचीन मूर्तियाँ पाई गयी है वे सभी तीर्थंकर मूर्तियाँ है। चीन की Dunhang Caves, Yangang Caves और Mangao Caves आदि में भी तीर्थंकर मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं। Guang Zhou के Six Banyan Trees Pagoda में महावीर हॉल के अन्दर तीर्थंकर मूर्तियाँ आसीन है । चीनी साहित्य में प्राचीन श्रमण ( Wu) राजाओं का वर्णन प्राग् ऐतिहासिक कालमें मिलता है। उनकी राजधानी Sozhow थी जिसके पास Hill था । Guang Zhou के Hualine Temple प्राचीनतम मंदिरों में से एक है उसमें ५०० अर्हतों की मूर्ति है 1
चीन के Xiamen city में Nonputaou Temple हैं । ये बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है । जिसका अर्थ है नाथपुत्त का मंदिर । बौद्ध साहित्य में भगवान महावीर के लिए नाथपुत्त का प्रयोग किया जाता था । इस मंदिर में महावीर हॉल भी है । ये मंदिर छठी शताब्दी में Tang Dynasty के समय में बना था । इसमें Guanyin Buddha की मूर्ति भी है । जो गौतम स्वामी की मूर्ति हो सकती है । क्योंकि महावीर के हॉल के अन्दर शाक्य मुनि काश्यप मुनि बुद्धा और मैत्रेय बुद्धा की मूर्ति प्रतिष्ठित है ।
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Dague में भी हमें महावीर हॉल निर्मित मिलता है Liaoning Province चीन में भी महावीर हॉल है ।
Hong-Con Fu Yung Shang Tsuen Wan Nam Tin Chuk Temple में महावीर हॉल है ।
कर्नल जेम्स टाड के अनुसार Neminatha the 22nd of the Jinas and whose influence, Tod believed has extendd into China and Scandinavia where he was worshipped under the names of Fo and Odin respectively.
भारत से सुवर्ण भूमि यानि बर्मा होते हुए चीन में जाने का यह एक प्रमुख मार्गथा जिसपर बराबर आवागमन होता रहता था यह कहा जाता है कि बर्मा के Mount Popa (Bagan) में Win Daug Cave Hill में चार लाख मूर्तियाँ थी । इसलिए इसे Mountain of God के नाम से जाना जाता है। जैनाचार्य कालक द्वारा सुवर्णभूमि (बर्मा आदि) में शासन प्रभावना का उल्लेख मिलता है ।