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जैनत्व जागरण.....
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विशेष
ग्राम ___ शांका
साँकड़ा
आसनवनि
केलाही
तदशाम
यहाँ पर जैन-मन्दिरोंके ध्वंसावशेष सराको के घर मंदिर-मूर्ति नही जिनमूर्ति (पूर्ण) आदीश्वर भगवान की काले पत्थर ।
की चोबीसी ६० घर है धर्मनाथ तथा झापडा से ३ कि.मी. दूर बुद्ध की मूर्ति
चन्द्रप्रभ स्वामी की मानकर बुद्ध पूर्णिमा के दिन गांव
पूर्ण मूर्ति के लोग अनुष्ठान करते है। २० घर है ध्वंसावशेष-मंदिर झांपडा से २ कि.मी. दूर
गांव १ कि.मी. दूर ८० से ज्यादा है ध्वंसावशेष मंदिर गांवमें एक पाषाणकी देवमूर्ति नदी
के किनारे मंदिरका ध्वंसावशेष है। ६० घर है भग्नमूर्ति, मंदिर यह गांव में जैन तीर्थंकरों की भग्न का अवशेष मूर्ति, बौंच धातु की अखंड मूर्ति
(देव-देवियोंकी) एक विशाल
मंदिर का अवशेष । १०० घर है महावीर स्वामी श्यामपद के घर निर्माण के समय
' की मूर्ति मिली । ५० घर है, गरम थान में गांव के बाहर
पार्श्वनाथ की मूर्ति घर नहीं है सम्पूर्ण तीर्थ ७ फूट की बडी बडी मूर्तिया एवं
तीर्थ स्वरूप मंदिरका ध्वंसाविशेष घर नहीं है। खंडित जिन चेलियामा और गोवराधा के पास
मूर्तियाँ ध्वसं जिन मूर्तियाँ है । नहीं है। मंदिर है, मूर्ति के वर्तमान में D.V.C.S. में डूब
अवशेष । चुका है। घर नहीं हैं भग्न जैन एक समय जो राजा का गढ़ था
मूर्तियाँ उसमें ।
नंदुयारा
बाधानवाडी
पाकविडरा
गोवरांधा
तेलकुपी
पंचात पर्वत