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________________ -अकबर प्रतिबोधक कोन ? = चाहिए।' इससे (उस) श्रेष्ठ फ़र्मान के अनुसार अमल कर ऐसी ताकीद करनी चाहिए कि, - बहुत ही अच्छी तरह से इस फर्मान का अमल हो और इसके विरूद्ध कोई हुक्म न चलावे। (हरेक को चाहिए कि वह अपना फ़र्ज़ समझकर फर्मान की उपेक्षा न करे ; उसके विरुद्ध कोई काम न करे। ता. 1 शहर्युर महीना, दलाह सन् 46, मुताबिक़ ता. 25. महीना सफर, सन् 1010 हिज्री। पेटा का वर्णन फ़र्वरदीन महीना, जिन दिनों में सूर्य एक राशी से दूसरी राशी में जाता है वे दिन ; ईद; मेहर का दिन ; हर महीने के रविवार; वे दिन कि जो दो सूफ़ियाना दिनों के बीच में आते हैं; रजब महीने का सोमवार ; आबान महीना कि जो बादशाह के जन्म का महीना है; हरेक शमशी महीने का पहला दिन जिसका नाम ओरभज है; और बारह पवित्र दिन कि जो श्रावण महीने के अन्तिम छः और भादवे में प्रथम छः दिन मिलकर कहलाते हैं। निशाने आलीशान की नक़ल असल के मुताबिक़ है। (इस मुहर में सिर्फ क़ाज़ी ख़ानमुहम्मद का नाम पढ़ा जाता है। दूसरे अक्षर पढ़े नहीं जाते।) 15 (इस मुहर में लिखा है, 'अकबरशाह मुरीदा जादा दाराब') . ('सूरीश्वर और सम्राट' में से साभार उद्धृत।) 1. दाराबका पूरा नाम मिर्ज़ादाराबख़ाँ था। वह अबुर्रहीम ख़ानखाना का लड़का था। विशेष के लिए देखो, 'आइन-ई-अकबरी' के पहले भाग का अंग्रेजी अनुवाद। पृ339। 31)
SR No.002459
Book TitleAkbar Pratibodhak Kaun
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhushan Shah
PublisherMission Jainatva Jagaran
Publication Year
Total Pages64
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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