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________________ ९२ समन्वय, शान्ति और समत्वयोग का आधार अनेकान्तवाद की समग्रता तथा व्यापकता पर पूर्णतः ध्यान नहीं दिया गया है । शास्त्रों ने मानवी प्रकृति की भिन्नता का ध्यान रख चरम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए त्रिविध उपायों की व्यवस्था की है । चिन्तन का प्रेमी साधक ज्ञानमार्ग से, सांसारिक विषयों की अभिरुचि वाला पुरुष कर्मयोग से तथा अनुरागादि मानसिक वृत्तियों का विशेष विकास वाला व्यक्ति भक्ति की सहायता से अपने उद्देश्य पर पहुंच सकता है। इन भिन्न-भिन्न मार्गों के अनुयायी साधक अपने ही मार्ग की विशिष्टता तथा उपादेयता पर जोर देते थे तथा अन्य मार्गों को नितान्त हेय बतलाते थे । गीता के अध्याय से ही पता चलता है कि उस समय भारतवर्ष में चार प्रकार के पृथक् - पृथक् मार्ग प्रचलित थे ।"३ इन चारों के नाम हैं कर्ममार्ग, ज्ञानमार्ग, ध्यानमार्ग तथा भक्तिमार्ग । जो जिस मार्ग का पथिक था, वह उसे ही सबसे अच्छा मानता था, उसकी दृष्टि में मुक्ति का दूसरा मार्ग था ही नहीं, परन्तु भगवान् ने गीता का प्रचार कर इन विविध साधनों का अपूर्व समन्वय कर दिया है, जिसका फल यह है कि जिस प्रकार प्रयाग में गंगा, यमुना तथा सरस्वती की धाराएँ भारतभूमि को पवित्र करती हुई त्रिवेणी के रूप में बह रही हैं, उसी प्रकार कर्म, ज्ञान, ध्यान तथा भक्ति की धाराएँ गीता में मिलकर तत्त्वजिज्ञासुओं की ज्ञानपिपासा मिटाती हुई भगवान् की ओर अग्रसर हो रही हैं। यह समन्वय गीता की अपनी विशिष्टता हैं।" इस कथन में बतलाया गया है कि गीता में कर्म, ध्यान, ज्ञान तथा भक्ति इन चार मार्गों का समन्वय किया गया है । इस कथन में स्पष्ट रूप से अनेकान्त की छाया है। योगी आनन्दघन कवि का यह प्रसिद्ध पद - "राम कहो रहमान कहो, कोउ कान्ह कहो महादेव री पारसनाथ कहो कोई ब्रह्मा सकल ब्रह्म स्वयमेव री ॥ भाजनभेद कहावत नाना एक मृत्तिका रूप री। तैसे खण्ड कल्पनारोपित आप अखण्ड स्वरूप री ॥" "निज पद रमे राम सो कहिए रहम करे रहमान री । कर्षे कर्म कान्ह सो कहिए ब्रह्म चिन्हें सो ब्रह्म री ॥" देखए. इन दोनों में पूर्वोक्त श्लोक के समान अनेकान्त के समान
SR No.002458
Book TitleSamanvay Shanti Aur Samatvayog Ka Adhar Anekantwad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPritam Singhvi
PublisherParshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan
Publication Year1999
Total Pages124
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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