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________________ अथवा अचेतन है वह स्वयं तथाभूत है । अर्थात् चेतन अचेतन रूप और अचेतन चेतन रूप नहीं हो सकता। सब अपने अपने नियत लक्षणों से युक्त हैं। समस्त वस्तुसमूह के घर स्वरूप यह जगत् निरावरण है-पर के आवरण से रहित है अतः मुनि को भी निरावरण रहना प्रकृति सिद्ध है । हे भव्य ! इस रहस्य को तू सुन, समझ तथा अङ्गीकृत कर ||३०|| [३१] अत इतो न घृणां कुरुते मनो, भुवि मुदार्षिरिदं ह्ययते मनो! कुलहितं तनुजं जननीहते, भवति शोकवती गुणिनी हते । । अत इति - हे मनो! हे ब्रह्मन् ! अतोऽस्मात् कारणात् । इतो नाग्न्यं प्रति मनो मुनेश्चित्तं घृणां जुगुप्सां न कुरुते न विदधाति । भुवि पृथिव्याम् ऋषिर्मुनिः इदं नाग्न्यं मुदा हर्षेण अयते प्राप्नोति । तदेवोदाह्रियते यथा गुणिनी गुणवती जननी कुलहितं वंशश्रेयस्करं तनुजं पुत्रम् ईहते वाञ्छति तस्य लालनं पालनं च. करोतीत्यर्थः । हते मृते च तस्मिन् तनूजे शोकवती शोकयुक्ता भवति । जननी कुलहितं तनूज मिव मुनिर्नाग्न्यं समीहत इत्यर्थः । । ३१ ।। ◄ * अर्थ - हें मनो! इसलिये मुनि का मन इस नाग्न्यद्रत की ओर घृणा नहीं करता है । पृथिवी पर मुनि इसे हर्ष से प्राप्त होते हैं - धारण करते हैं। जिस प्रकार गुणवत माता कुलका हित करने वाले पुत्र की इच्छा करती है, उसका लालन पालन करती है और उसके नष्ट हो जाने पर शोकयुक्त होती है। इसी प्रकार मुनि नाग्न्यव्रत की इच्छा करते हैं उसका निर्दोष पालन करते हैं और उसमें बाधा आने पर दुखी होते हैं ।।३१।। [३२] करणमोदपदार्थरसं प्रति, विरतिभावयुतो भुवि सम्प्रति । सुविजितोऽरतिनाम परीषहः, करुणयाह कवाक् तु करी सह । । करणेति - सम्प्रति निर्ग्रन्थमुद्रावसरे यो मुनिः भुवि पृथिव्याम् करणमोदपदार्थरसं प्रति करणानामिन्द्रियाणां मोदो हर्षो येभ्यस्ते करणमोदाः ते च ते पदार्थाश्च तेषां रसः स्वादस्तं प्रति। विरतिभावयुतो विरक्तिपरिणामेन युतः सहितो वर्तते, तेन अरतिनाम परिषहः सुविजितः सुखेन विजितः । इति, करी करोतीति करी कर्तव्यनिर्देशतत्परा कवाक् कस्य जिनस्य वाग् वाणी करुणया दयया सह सार्धम् आह जगाद ।। ३२ । । अर्थ - पृथिवी पर निर्ग्रन्थमुद्रा के समय जो मुनि, इन्द्रियों को हर्षित करने वाले (२३१)
SR No.002457
Book TitlePanchshati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyasagar, Pannalal Sahityacharya
PublisherGyanganga
Publication Year1991
Total Pages370
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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