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________________ धारवडमां प्रतिष्टः-महोत्सवनी धामधूम. धारवाडमां प्रतिष्ठा महोत्सवनी धामधूम एक तरफ उक्त निमन्त्रण-पत्रिका उंचा कागळो उपर छपावीने तैयार करवामां आवी; अने देश-देशान्तरना श्रीसंघने, संमानित सद्गृहस्थोने, साक्षर वर्गने, तथा ज्यां ज्यां मोकलवानी आवश्यकता हती त्यां दरेक ठेकाणे रवाना करवामां आवी. बीजी तरफ बहार गामथी आवनार महाशयोने उतारवा माटे, भोजन माटे, तथा पागरण विगेरे माटे तैयारी थइ रही. बहार गामथी आवनार महेमानोने सत्कार-पूर्वक लाववा माटे उत्साही युवकोनी एक उपसमिति नीमवामां आवी. धारवाड स्टेशन उपर ट्रेनोने आववाने टाइमे अतिथिओने यथायोग्य सत्कार करी तेमने उतारे पहोंचाडवा विगेरेनी व्यवस्था करवी, ए बधुं एमर्नु कर्तव्य हतुं. आ कार्य माटे मुकरर करेला सज्जनो, उत्सवमां पधारेला महाशयोनी जरुरतोने पहोंची वळवाना कार्यमां गुंथाइ गया. स्टेशनथी शहेर दोढ माइल दूर छे, त्यां सुधी महेमानोने लाववा माटे मोटरो तथा घोडा-गाडीओनी व्यवस्था प्रथमथी करी राखी हती. देरासरजीनी नजीकमांज महोत्सव-समारंभ माटे एक विशाळ सामियानो उभो करवामां आव्यो हतो. ए सामियानो आसोपालवना तोरणो, ध्वजा-पताकाओ, तरेहवार
SR No.002455
Book TitleSubhashit Shloak Tatha Stotradi Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavvijay
PublisherBhupatrai Jadavji Shah
Publication Year1935
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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