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४८ मुनिराज श्री भावविजयजी महाराजनुं जीवन चरित्र. महोदधि आचार्यवर्य श्री श्री श्री १००८ श्री विजयेन्द्रसूरीश्वरजी महाराजके शिष्यरत्न-शान्त, दान्त, पंडित शिरोमणि, शान्तमूर्ति, समग्र कर्णाटकके उपकारी, मुनिराज श्री १००८ श्री भावविजयजी महाराजके नेतृत्वमें सांगली निवासी श्रीयुत सुश्रावक भाई फकीरचंदजी कराएंगे ।
विशेष-इस प्रसंग पर श्री सिद्धक्षेत्र चिन्तामणि पार्श्वनाथजी की भव्य मूर्तिका दर्शन, संघ दर्शन, और दो नवीन दीक्षा लेनेवाले भाग्यशालियों के दर्शन तथा शांतमूर्ति मुनि महाराज श्री भावविजयजी महाराजका अमोघ उपदेशका लाभ प्राप्त होगा। सो आप जरूर जरूर कृपा करके पधारेंगे ऐसी हमारी आग्रहपूर्वक प्रार्थना है.
नोट-पधारनेवाले साधर्मिक भाईयोंको सूचना है कि. सदर्न मराठा रेलवे, धारवाड स्टेशन, शहरसे देंढ माईल पर है: इस लिये हरेक गाडी के टाइम पर हरहमेश वोलिंटियर तथा मोटर वगैरहका इन्तजाम रहेगा.
ता. क.-सरदी के दिन है, इस लिये पधारनेवाले महाशय अपने बिस्तर साथमें रखनेकी कृपा करें. ली. आपका दर्शनाभिलापी जैन श्वेतांबर संघ समस्त
शाह पुनमचंद अमीचंद मारवाडमें गाम सेवाडीवालाका सविनय प्रणामपूर्वक
जय जिनेंद्र वांचीयेगाजी ली. शा. डुंगरचंद भगवानदासजीका जय जिनेंद्र
वांचीयेगाजी.