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________________ ८ मुनिराज श्री भावविजयजी महाराजनुं जीवन चरित्र. भाई जादवजी अध्यापक तरीकेनी सारी लाइन उपर चडी जवाथी अने उम्मर लायक थवाथी वडिल बंधुओए दाठा पासेना वालर गामना गांधी हेमचंद नानजीनी दीकरी अजवाळी साथे संवत् १९६८ ना मागशर शुदि १० ना रोज वेविशाळ कयु, अने भाई जादवजीने खबर आप्या. संवत् १९६९ मां लग्न थवाना होवाथी भाई जादवजीए पाठशाळाना ट्रस्टीओ पासे रजा मागतां तेओए भाई जादवजीना पंडित तरीकेना कार्यथी संतोष पामेला होकाथी सभा भरी मानपत्र आप्यु. आ प्रमाणे त्यांथी विदाय लइ भाई जादवजी देशमां आव्या, अने संवत् १९६९ ना महा वदि २ ना रोज लग्न थयु. पालीताणा अने हिम्मतनगरमा बजावेल नोकरी, मळेल मानपत्र. .... आ अरसामां पालीताणाना श्रीसिद्धक्षेत्र जैन बाला मना विद्यार्थीओने भणाववा माटे धार्मिक शिक्षकनी अने अंग्रेजी उंचा क्लासना विद्यार्थीओ माटे संस्कृत शिक्षकनी ज़रूर हती. पंडितजीमां आ बन्ने ज्ञाननी संपूर्ण योग्यता होवाथी तेमने बहार गाम न जवा देतां पालीताणामांज रोकवानी बालाश्रमना मेनेजर तरफथी पेरवी थतां ते नोकरी स्वीकारी. बाल ब्रह्मचारी निर्दोष विद्यार्थीओने पंडितजीना बहोळा ज्ञाननो लाभ मळ्यो, अने पंडितजीए संवत् १९६९
SR No.002455
Book TitleSubhashit Shloak Tatha Stotradi Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavvijay
PublisherBhupatrai Jadavji Shah
Publication Year1935
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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