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(८३) - -एक सौ आठ बार ऋद्धि-मन्त्र द्वारा चार कंकड़ियों को मंत्रित करके यदि उनको चारों दिशाओं में फेंका जावे तो चोर डाकू आदि का किसी तरह का भय नहीं रहता।
१०- पीली माला से प्रतिदिन १०८ बार ऋद्धि-मन्त्र का ७ या १० दिन जाप करने से तथा यन्त्र पास में रखने से कुत्ते के काटने का विष उतर जाता है । नमक की ७ डलियों को, प्रत्येक को १०८ बार मन्त्र द्वारा मंत्रित करके खिलाया जाय तो कुत्ते का विष असर नहीं करता। धूप कुन्दरू की होनी चाहिये।
११-लाल माला से २१ दिन तक (प्रतिदिन १०८ बार) बैठ कर या खड़े रह कर सफेद माला से १०८ बार जपने पर (दीप, धूप नैवेद्य फल लिये हुए) एवं यन्त्र अपने पास रखने से जिसे अपने पास बुलाना हो वह आ जाता है । धूप कुन्दरू की हो। . १२-लाल माला से मन्त्र और ऋद्धि का जाप ४२ दिन तक प्रतिदिन १००० करना चाहिये। दशांग धूप खेनी चाहिये । यन्त्र अपने पास रखने तथा मंत्र द्वारा १०८ बार तेल मंत्रित करके हाथी को पिलाने पर हाथी का मद उतर जाता है।
१३-पीली माला के द्वारा ७ दिन प्रतिदिन १००० ऋद्धि-मन्त्र · का जाप करना चाहिये, एक बार भोजन तथा पृथ्वी पर शयन करना चाहिये । यन्त्र पास रखने से तथा ७ कंकड़ी लेकर प्रत्येक को १०८ बार मन्त्र से मंत्रित करके चारों दिशाओं में फेंकने से चोरों का भय नहीं रहता, मार्ग में और भी कोई भय नहीं आने पाता।