________________
१०८ ।
[ तित्थोगालो पइन्नय
दूसरी पंक्ति:
दूसरी पंक्ति पर पहले दो घरों में प्रथम और दूसरे चक्रवतियों के नाम, फिर आगे के १३ घरों में शून्य, फिर आगे के पांच घरों में तीसरे से सातवें चक्रवतियों के नाम, उससे आगे के एक घर में शून्य फिर आग के एक घर में आठवें चक्रवर्ती का नाम, उससे आगे के दो घरों में शून्य, फिर आगे के एक घर में नौवें चक्रवर्ती का नाम, उससे आगे के एक घर में शून्य, उससे आगे के दो घरों में दशगे और ग्यारहवें चक्रवर्ती का नाम, उससे आगे के एक घर में शून्य उससे आगे के एक घर में बारहों चक्रवर्ती का नाम, उससे आगे के अन्तिम दो घरों में शून्य ।३६०।
[अथ तृतीया पंक्तिः] दस सुन्न पंच केसव, पण सुन्नं, केसी सुन्न केसी य । दो सुन्न केसवोऽवि य, सुन्न दुगं केसव ति-सुन्न ।३६१। (दश शून्यानि पंच केशवा, पंचशून्यानि केसीः शून्य केसी च । द्वेशन्ये केशवोऽपि च, शन्यद्विकं केशवः त्रीणि शन्यानि ।)
तीसरी पंक्तिः
तीसरी पंक्ति के पहले दश घरों में शुन्य, आगे के पांच घरों में क्रमशः ५ केशवों (वासुदेवों) के नाम, प्राग के पाँच घरों में शून्य, इससे आगे के एक घर में केशव का नाम, फिर एक घर में शून्य, इससे आगे के एक घर में केशव का नाम. फिर दो घरों में शून्य, फिर एक घर में के शव का नाम, फिर दो घरों में शून्य, इससे आगे के एक घर में नौवें केशव का नाम. इससे आगे के अन्तिम तीन घरों में शून्य ।३६१। पंचसय अद्ध पंचम, चउरो चउद्ध तिन्नि य सयाई । अड्ढाइज्जा दोन्नि य, दिवद्धमेगं धणुसयं च ३६२। नइइ असीइ सत्तरि, सट्ठी पणास तह य पण याला । बायालाई धणुइं य, चालीस [चत्तालं] अद्ध धगगं च ।३६३। चत्ताला पणतीसा, तीसा उणतीस अट्ठवीसा य । छन्वीसा पणवीसा बीसा तह सोल पणरसं ।३६४।