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बल ल्म और अनमेल विवाह.
(8) अधःपतन पूर्वाचार्याने किया है ? कि हमारे संकीर्ण विचारधारक अभिमानी अप्रेसर और धनाड्योंने किया है ?
समाज की उन्नति करना समाज के अग्रेसर और धनाड्यो के हाथ मे है और पूर्व जमाना में उन समाज शुभचिंतकोने ही तन मन और धनसे समाज की उन्नति करी थी. आज भी ऐसे नररत्नों का अभाव नहीं है पर वह स्वल्प संख्या में मिलते है । तथापि आज हमारे समाज अप्रेसर और धनाड्य वीर अपने तन धन और मन को समाज सेवामें लगा रहे है अनेक विद्यालयों औषधालयों अनाथालयों विधवाश्रम कन्याशाला गुरुकुल और पांजरापालों वगैरह उनकी मदद से ही चल रही है और इस शुभकामे वह अपना अमूल्य समय भी दीया करते है इत्यादि उन अप्रेसरों का तो समाज सदैव अन्तःकरणपूर्वक उपकार समझते है और हम उनका पूज्यभाव से सत्कार करते है । और भविष्य के लिये आशा भी रक्खते है कि आप श्रीमान् समाज की और विशेष लक्ष रक्खते रहे कारण समाज का उद्धार करना आप के ही हाथ मे है ।
- पर हमारी समाज में ऐसे नेता और धनाड्यो कि भी कमती नहीं है कि वह पुरांणी हानिकारक रूढियों के गुलाम बन हमारी उन्नती में अनेक प्रकार के रोडे डाल देते है फिर भी तुर्रा यह कि पुच्छनेपर उन रूढियो को आप खराब बतलाते है पर जब अपने घरपर काम पडता है तब जान बुझकर धग धग् कि भाग कुद पढने को सबसे पहले आप तय्यार हो जाते है आज हम
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