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________________ संख्या. चक्रवर्ति नाम. १ भरत चक्री सुमंगल! ऋषभदेव २ सागर यशोमति सुमित्र "" "" " अश्वसेन हस्तनापुर ३ मघत्रा भद्रा समुद्रविजय सावत्थी ४ सनत्कुमार, सहदेवी ५ शन्ति, अचरा विश्वसेन गजपुर ६ कुंथु श्रीराणी शूरराजा ७ मर श्रीदेवी सुदर्शन "" माता पिता "" नगरो. शरीरमान. "" विनीता ५०० धनुष : ४०००००ल. पूर्व अयोध्या ४५० ", "" ८ सूभूम ताराराणीकृतवीर्य हस्तनापुर ९ मह पद्म, ज्वालाराणी पदमोत्तर बनारसी १० इरीसेन, मेरादेवी महाहरी ११ जयनाम, वप्रादेवी विजयराजा १२ ब्रह्मदत, चुलनीराणी ब्रह्मराज ×× ३५ " ३० " २८ २० कंपीलनगर १५ राजमही १२ कंपीलनगर ४० " ७ आयुष्य. 2 2 2 2 2 2 ७०० "" "" "" ७२००००० लक्षपुरव ५००००० वर्ष धर्म- शान्तिके अन्तर तीजा देवलोकमें ३००००० " १००००० ५००० ८४००० ६०००० ३०००० १०००० ३५०० "" "" "" " "" जिनतीर्थ. श्री ऋषभदेव "" अजितनाथ "9 स्वशासन " " घर मल्लीके अन्तर [ मुतिसुव्रत नमी अन्तमें हुवे गती. २१-२२ अंतरमे २२=२३ अंतर मे मोक्ष "" " मोक्ष " "" ७ नरकमें मोक्ष "" >" नरक ७ वंश. इदहा कुवश "" "" "" "" " "" "" 99 ""
SR No.002448
Book TitleJain Jati mahoday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherChandraprabh Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1995
Total Pages1026
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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