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अनुक्रमणका. २८ मंत्रीश्वर की गाय और कैर का झाड़ २६ भगवान महावीर मूर्ति का मामगेह से वरघोड़ा ,
नौगत्रि में देवी की पूजा और उसका प्रकोप
श्राचायश्री की वेदना और देवी सम्यक्त्व गृहन ३२ उपकेशपुर व कोरंटाजी के मन्दिरकी प्रतिष्ठाएँ , ८८ ३३ ओशियों के देवीमन्दिर में प्राचीन जैन मूर्ति , ३४ सिद्धगिरिपर प्रा० रत्नप्रभ सूरिका स्वर्गवास , ९४ ३५ फलोधी नगर में प्रा० रत्नप्रभभूरिकी मूर्ति - , ९६ ३६ श्रा० यक्षदेव, सूरि और शिकारी गजकुमार प्र० पाँचवा १६ ३७ प्राचार्य कक्कसूरि और देवी की बली ३८ प्राष्ट्यिाहंगेरी प्रान्तमें भगवान महावीर की प्राचीन मूर्ति १८० ३९ बाललग्न तथा अनमेल विवाह
प्र० छठ्ठा ५८ ४० वृद्धविवाह ।
, ७४ ४१ कन्या तथा वर विक्रय
-ak-- भूल सुधार।
इस संस्करण में कई अनिवार्य कारणों से ह्रस्व दीर्घ सम्बन्धी अनेक भूले रह गई हैं । पाठकगण क्षमा करे । शुद्ध तथा साहित्य संस्करण शीघ्र ही प्रकाशित किया जायगा। . प्रकाशक.