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लिखत पर हस्ताक्षर शोभा०-यदि आपका ऐसा ही हुक्म है, तो मैं दस्तखत करने को तैयार हूँ, किन्तु मुझे यह कागज तो पढ़ लेने दीजिये कि इसमें क्या लिखा है ?
पूज्यजी-पहिले हस्ताक्षर करदो, पीछे पढ़ लेना।
शोभा०-जो हुक्म कह कर उस लिखे हुये कागज पर हस्ताक्षर कर दिये। बाद में कागज को पढ़ा तो उसमें लिखा था कि "मूर्ति की प्ररूपणा नहीं करना, इस विषय का कोई प्रश्न पूछे तो उत्तर न देकर बड़ों पर छोड़ देना; धोवण में, बासी रोटी में, विद्वल में जीव की शंका नहीं रखना; इत्यादि इत्यादि १२ कलमें लिखी हुई थीं, जिनको पढ़ कर आपको बहुत दुःख हुआ; किन्तु अब क्या हो सकता है, जब कि हस्ताक्षर कर दिये । ____इतने में साधु गोचरी-पानी ले आये और गोचरी करने की तैयारी की गई । उस समय पूज्यजी महाराज ने स्वामी लालचन्द जी द्वारा गयवरचन्दजी को कहला दिया कि आपका आहार पानी पूज्यजी ने अलग कर दिया है। ___ गयवरचन्दजी को यह भी समाचार मिल गया कि शोभालालजी ने पूज्यजी को लिखित कर दिया है, तथा आपको भी लिखित करना पड़ेगा। इधर आप के छट तप का पारना था। दिन के १२ बज चुकेथे बिचारे सब साधु भूखे प्यासे थे; फिर भी आपने सोचा कि 'संडे से खेती नहीं पकती है' इसलिये 'काम सुधारो तो आप पधारो।' इस युक्ति को याद कर आपने पूज्यजी महाराज के पास जाकर नम्रता पूर्वक अर्ज की कि, क्या मेरा माहार-पानी आपने अलग कर दिया है?
पूज्यजी-हाँ।
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