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है उसके समान ही यह भी पैसा 7 क्षेत्र में जाने से लाभकारी ही है। इसलिए फाइन के विषय को लेकर किसी प्रकार की चर्चा नहीं होनी चाहिए। (10) मण्डल में प्रवेश फीस 51 रुपया रखें। प्रतिवर्ष 51 रुपया भरें। किसी कारणवश लगातार 3 महीनें नहीं
आ सकने पर पुन: 51 रुपया भरकर प्रवेश प्राप्त करें। 3 महीने तक नहीं आने वाले का नाम काट दिया जाए। (11) प्रभावना सामायिक पारने के बाद ही करें, जिससे सामायिक में पैसे का स्पर्श न हो। * सामायिक चेप्टर में बताई गई सभी बातों का सामायिक में पूरा उपयोग रखे। सामायिक की गतिविधियाँ
सभी का उत्साह बना रहे, किसी का मन न दुःखे, शासन की शोभा बढ़े, ऐसे मैत्री भाव पूर्वक तथा समभाव वर्धक सामायिक हो... ऐसा लक्ष्य होना जरुरी है। (1) सामायिक मौन पूर्वक ही हो, गाथा दे-ले सकते है अथवा पुस्तक का वांचन एवं तत्त्वज्ञान समझ सकते है। पढ़ाई के सिवाय विषयांतर वाली बातें न हो इसका खास ध्यान रखें। (2) प्रार्थना - सामायिक में सर्वप्रथम नवकार सुंदर राग में बोलें। फिर इसी बुक के पेज नं. 23 के. काव्य-विभाग में 'सीमंधर स्वामी के पास हमें जाना है...' यह स्तवन दिया गया है वह प्रभु की प्रार्थना के रुप में बोलें। फिर गुरु म.सा. की एक स्तुति बोलें। समूह में सभी मिलकर सामायिक का प्रणिधान बोलें। (3) तत्पश्चात् कोर्स की यथोचित पढ़ाई करें। सभी काव्य विभाग में से स्तवनादि की राग बिठाएँ । जिन्हें सूत्र के अर्थ अथवा तत्त्वज्ञान आता हो वह सभी को सिखाएँ। (4) प्रति सप्ताह में होम-वर्क (गृहकार्य) दें। जिसे अगली सामायिक तक सब करके लाएँ। । (5) कभी सब मिलकर प्रभुजी के मंदिर या उपाश्रय की शुद्धि करें। (6) कभी मंदिरजी में स्नात्र पूजा-नृत्यादि करें। . (7) कभी चातुर्मास में नियमावली भराए उसके इनाम निकाले, कभी आस-पास के तीर्थों की यात्रा कराए ऐसी विविध आराधना-पूर्वक प्रेम-पूर्वक मंडल की प्रगति कर विश्वमंगल करें। (8) सामायिक पारते समय मेरे इस सामायिक के पुण्य से सर्व जीव सुखी हो और मेरी आत्मा की मुक्ति हो ऐसी भावना करें।