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________________ युग के लोगों के साथ कदम से कदम मिलाना सिखाओं। जयणा - देखो सुषमा! कहना मेरा फर्ज था। आगे मानना न मानना तुम्हारी मर्जी। (इतना कहकर जयणा वहाँ से चली गई।) सुषमा- हे भगवान! कितना लेक्चर देती है, ये जयणा। पूरा पकाकर चली गई। (याद रखना बीज अंकुर बनकर बाहर आ तो जाता है परंतु माली की देखभाल के बिना उसका वृक्ष बनना मुश्किल है। ठीक उसी प्रकार जन्म के बाद माता-पिता की योग्य परवरिश के बिना, योग्य संस्कार के बिना बालक का जीवन बनना भी मुश्किल है।) शाम के समय सुषमा टी.वी. देख रही थी तभी डॉली अपना होमवर्क लेकर आयी। . डॉली- मम्मी, मम्मी! आज का लेसन बहुत हार्ड है। प्लीज़! आप मुझे होम-वर्क करवा दीजिए ना। सुषमा - अरे डॉली ! देखो ना टी.वी. पर कितना अच्छा प्रोग्राम आ रहा है। प्रेरणा की आज अनुराग से शादी है और कोमोलिका कुछ तूफान खड़ा करने वाली है। वो क्या करेगी यह सीन तो मैं छोड़ ही नहीं सकती हूँ। बाद में मुझे “क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल भी देखना है। पता है आज तुलसी जेल से छूटने वाली है। इतनी टेंशन में इस तरफ तुम्हें अपने होम वर्क की पड़ी है। ऐसा करो अपने पापा के पास चली जाओ। (डॉली अपने पापा के पास गई।) डॉली- डेड! प्लीज़ मुझे ये होम वर्क करवा दीजिए ना। आदित्य- (थोड़े गुस्सा होकर) अरे! तुम देखती नहीं हो। मैं अपने ऑफिस के काम में कितना बिज़ी हूँ। और ये होम-वर्क करवाना क्या मेरा काम है ? जाओ अपनी मम्मी के पास। डॉली - मॉम! डेड बीज़ी है और वे मुझे डाँट रहे है। आप ही होमवर्क करवा दीजिए ना प्लीज़। सुषमा- क्या तुम बार-बार डीस्टर्ब कर रही हो। अपना काम अब खुद किया करो। जाओ, अपने आप कर लो। डॉली- (अपने आप से) मम्मी कहती है पापा के पास जाओ, पापा कहते है मम्मी के पास जाओ। किसी को भी मेरे लिए टाईम नहीं है। मम्मी टी.वी. में बीज़ी है तो पापा को काम से फुर्सत नहीं है। यदि मैंने होमवर्क नहीं किया तो टीचर पनिशमेंट देगी। इससे तो अच्छा है कि कल मैं स्कूल ही नहीं जाऊँ। (रात को सोने के पहले मम्मी के पास जाकर) डॉली- मम्मी, मैं कल स्कूल नहीं जाऊँगी। .
SR No.002437
Book TitleJainism Course Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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