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मुख्य
क्रम नाम-कृति कृष्ण चरित कृतिकार भाषा रचनाकाल
अभिव्यक्ति १. हरिवंश पुराण मुख्य शालिवाहन हिन्दी १६३८ ई० २. हरिवंश पुराण मुख्य खुशालचन्द हिन्दी १७२३ ई०
काला ३. हरिवंश पुराण
अज्ञात हिन्दी गद्य प्रति अपूर्ण है, (१६६ से आगे के
पृष्ठ नहीं हैं ।) ४. हरिवंश पुराण मुख्य नेमिचन्द्र हिन्दी १७१२ ई०
(इसका दूसरा नाम नेमीश्वर रास भी है ।) ५. नेमिनाथ रास गौण सुमतिगणि हिन्दी-१२३८ ई० ६. गजसुकुमालरास गौण कवि देल्हण हिन्दी १३ वीं शता० ई०
(देवेन्द्र सरि) ७. प्रद्युम्न चरित गौण कवि सधारु प्राचीन हिन्दी १३५४ ई० ८. रंग सागर नेमिफागु गौण सोमसुन्दर सूरि हिन्दी १४२६ ई० ९. सुरंगामिय नेमि फागु गौण धनदेव गणि हिन्दी १४४५ ई० १०. नेमिनाथ फागु० गौण जयशेखर सूरि हिन्दी १५वीं शता० ई० १ - अप्रकाशित : प्रति उपलब्ध दि० जैन पल्लीवाल मंदिर, घुलियागंज,आगरा एवं आमेर
शास्त्र भण्डार,जयपुर। २ - अप्रकाशित : प्रति उपलब्ध आमेर शास्त्र भण्डार,जयपुर एवं हस्तलिखित प्रति ___ खणडेलवाल दि० जैन मंदिर, उदयपुर में उपलब्ध । ३ - अप्रकाशित : प्रति उपलब्ध आमेर शास्त्र भण्डार, जयपुर । ४ - अप्रकाशित : प्रति उपलब्ध आमेर शास्त्र भण्डार, जयपुर । ५. हस्तलिखित प्रति : जैसलमेर दुर्ग स्थित शास्त्र भण्डार में उपलब्ध । ६. 'आदिकाल की प्रामाणिक हिन्दी रचनाएँ (संपा) डॉ. गणपतिचन्द्र गुप्त) पृ०५७-६० पर
प्रकाशित । ७. प्रकाशक महावीरजी अतिशय क्षेत्र प्रबन्ध कारिणी समिति, जयपुर । संपा० पं०
नैनसुखदास न्यायतीर्थ एवं डॉ. कस्तुरचन्द्र कासलीवाल । ८ हिन्दी की आदि और मध्यकालीन फागु कृतियाँ : प्रकाशक-मंगल प्रकाशन,जयपुर,
पृ० १३६-१४८ पर प्रकाशित । ९. वही, पृ० ११९-१२६ पर प्रकाशित । १०. हिन्दी की आदि और मध्यकालीन फागु कृतियाँ- पृ. ११०-११७
84 • हिन्दी जैन साहित्य में कृष्ण का स्वरूप-विकास