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________________ जिनवर चरित सुवर्णतैं, उपजै पुन्य अपार 1 जे भवि सुमरैं भाव सौं, ते पावै शिवसार ||१७|| हरिवंश महत्शास्त्रं तस्य भाषा विनिर्मितं । नाम्ना खुस्याल चंद्रेण भव्यानां खलु शर्मदा ||१टा आलोच्य कृतियों में कृष्ण का परम्परागत वीर श्रेष्ठ पुरुष का जैन- व्यक्तित्व वर्णित हुआ है । दोनों कृतियों से कतिपय उदाहरण द्रष्टव्य हैं - 1 बालक कृष्ण गोकुल में खेलते-कूदते अनेक पराक्रमपूर्ण कार्य करते बड़े हो रहे थे । कंस को जब किसी निमित्त ज्ञानी से यह जानकारी मिली कि उनका शत्रु गोकुल में वृद्धि को प्राप्त हो रहा है तो उसने पूर्व भव में सिद्ध की हुई देवियों का कृष्ण का प्राणान्त करनेके लिए आह्वान किया । देवियों ने जो अनेक प्रयत्न किये उनमें एक प्रयत्न मूसलाधार वर्षा करके कृष्ण सहित समस्त गोकुल को डुबो देने का था । परन्तु पराक्रमी कृष्ण ने गोवर्धन को ही उठा लिया और इस प्रकार गोकुल की रक्षा की । देवियों के समस्त प्रयत्न निष्फल हो गए । कवि के वर्णनानुसार “देवां वन में जाय, मेघ तनी वरषा करी । गोवरधन गिरिराय, कृष्ण उठायो चाव सो ॥। १ प्रयत्न की इस निष्फलता के बाद कंस ने कृष्ण को मल्लयुद्ध का आमंत्रण दिया । मल्ल- युद्ध में आने के अवसर पर उन्हें कुचल कर मार डालने के लिए मदमस्त हाथी छुड़वा दिया । पराक्रमी, महान, बलशाली व धैर्यवान कृष्ण ने हाथी के दाँत उखाड़ लिए और उसे मारकर भगा दिया । सामने आने पर अपने से दुगने मल्ल को फिराकर दे मारा। और अन्त में क्रोधित हुए कंस को मारने के लिए अपनी ओर आते देख, उसे पैर पकड़, पक्षी के समान फिरा कर पृथ्वी पर दे मारा । अपने बलवान शत्रु को मारकर पराक्रमी कृष्ण उस सभा मण्डप में अत्यधिक शोभित हुए । कवि ने अपने उत्तर पुराण में कृष्ण के इस वीर स्वरूप का बड़े उत्साह से वर्णन किया है । यथा- " जाके सम्मुख दोड्यो जाय । दंत उपारि लये उमगाय । ताही दंत थकी गज मारि । हस्ति भागि चली पुरं मझाहि ॥ ताही जीति शोभित हरि भए । कंस आप मल्ल मृति लखि लए । रुधिर प्रवाह थकी विपरीता | देख क्रोध धरि करि तजि नीति / १- हरिवंश पुराण - पृ० ६४, छन्द ४७ / हिन्दी जैन साहित्य में कृष्ण का स्वरूप - विकास 93
SR No.002435
Book TitleHindi Jain Sahitya Me Krishna Ka Swarup Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPritam Singhvi
PublisherParshva Prakashan
Publication Year1992
Total Pages190
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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