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(i) सात्त्विक दान का लक्षण (ii) राजस दान का लक्षण
(iii) तामस दान का लक्षण
दान के भेद-प्रभेद
(१) सुपात्रदान
(२) अनुकम्पादान : स्वरूप और उद्देश्य (३) आहारदान का स्वरूप और महत्त्व
(४) औषधदान का स्वरूप
(५) ज्ञानदान का महत्त्व
(६) अभयदान की महिमा
(७) दान के अन्य भेद
(८) दान से पुण्य : एक विश्लेषण
दान की विशेषता
१. दान की विधि
२. देय द्रव्य-शुद्धि ३. दाता के
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सप्तम अध्याय
गुण
४. दान में पात्र का महत्त्व
अष्टम अध्याय
नवम अध्याय
दान की निष्फलता के कारण व भाव दान का स्वरूप
परिशिष्ट
दानमहिमागर्भितं श्री दान कुलकम्
१६२
१६४
१६५
१६९
१७४
१८३
१९२
१९७
२१३
२३३
२३८
२४४
२५५
२६३
२६९
२९०