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श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी बेगम बाजार
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श्री गोडीजी पार्श्वनाथजी कारवन
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हैदराबाद बेगम बाजार मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी
नवाब कुतुबशाह के राज्य में तिलंग देश की इस नगरी
का नाम भागनगर (भाग्यनगर ) था ।
श्री वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग
शाहूकारी कारवान विस्तार के अन्य मंदिर
(१) महावीर स्वामी मंदिर तीन मंजिल का है। सं. २०४७ में हुआ है।
विशिष्ट चार प्रतिमाजी है। गुरुमंदिर नीचे के भाग में है प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय राजवंश सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है।
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(२) श्री पार्श्वनाथ मंदिर प्रतिष्ठा वि. सं. १९४६ वैशाख सुदी ३ को हुई है। सं. २००० में विस्तार करके तीसरी मंजिल पर विशाल मंदिर बनवाया है। उपाश्रय तथा जैन भवन पास में है।
(३) गौतम बिहार जैन तीर्थ हैदराबाद से ८ कि.मी. चैतन्यपुरी मारुति नगर में गौतम विहार जैन तीर्थ धाम बना है। उसके उपदेशक पू. आ. श्री गुणसागर सूरीश्वरजी म. है । प्रतिष्ठा सं. २०४९ में फाल्गुन सुदी ५ को पू. आ. श्री कलाप्रभसागर सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है।
बेगम बाजार जैन मंदिरजी हैदराबाद हैदर अली के समय में हैदराबाद नाम हुआ। ऐसा वी. सं. १७११ में श्री शीलविजयजी तीर्थमाला में है। वहां ओसवाल तीन भाई (१) भूषण शाह (२) देवकरण शाह (३) उदयकरण शाह राजा के माने हुए थे। उसमें देवकरण शाह ने यह श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ विशाल मंदिर बनाया उस समय आदिनाथ मंदिर तथा पार्श्वनाथ मंदिर थे । मूर्ति में लेख १५८८ का है। जीर्णोद्धार सन् १९७८ में पू. आ. श्री विजय विक्रम सू. म. के उपदेश से हुआ है। यहां हस्त लिखित ग्रन्थ का विशाल संग्रह था ।
निजामाबाद से १७० कि.मी. है। मुंबई हैदराबाद तथा हैदराबाद - बैंगलोर रेल्वे लाईन है।