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________________ मंबई नगरी (६८७ वालकेश्वर - श्रीपाल नगर मंदिर मूलनायक श्री आदिश्वरजी यह मंदिर १२ हार्क नेश जमनादास मेहता रोड पर श्रीपालनगर सोसायटी के कम्पाउन्ड में भव्य और दर्शनीय आरस का बना हुआ है। नीचे भोयरें में श्री मुनिसुव्रतस्वामी जी है दोनों प्रतिमा प्राचीन है। उदयपुर - देलवाड़ा में प्राचीन मूलनायकजी थे संवत १५०० में पू. आ. श्री सोमसुंदर सूरीश्वरजी म. के द्वारा अर्जनशलाका हुई है और अत्यन्त अलौकिक है मंदिर और श्रीपालनगर सेठ लालचंद छगनलालजी तथा सेठ सोहनलालजी ने बनवाया है। पास में उपाश्रय संदर है । १६ प्रतिमाजी आरस के हैं इस जिनमंदिरकी अंजनशलाका प्रतिष्ठा भव्य प्रकार से पू. आ. श्री विजय रामचंद्रसूरीश्वरजी म. की निश्रामें सं. २०२९ मगशिर सुदी ५ को हुई थी। यहां हर वर्ष वर्षीतप के पारणे का आयोजन होता है। यहां से पीछे डाभोडकर रोड तरफ के मंदिर को जाया जाता है। श्रीपालनगर जैन मंदिरजी वालकेश्वर HAMAR५६ मूलनायक श्री आदिश्वरजी श्रीपालनगर konth मुलनायक श्री मुतिसव्रत स्वामी- श्रीपालनगर torthatani
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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