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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दशम : भाग - २
लगवान श्री मप)
श्री आदिश्वरजी- बाबु पन्ना मंदिर
श्री बाबु पन्ना जैन मंदिरजी - वालकेश्वर
मूलनायक श्री आदिश्वरजी ४१ रीज रोड़ पर यह मंदिर एक भव्य और मलबार हील का मुख्य प्राचीन मंदिर है। बाबुजी मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था तब मूलनायकजी की खोज में थे। एक रात्रि को उनको स्वप्न में एक मूर्ति के दर्शन हुए। उसके बाद उस प्रतिमाजी के लिए खोज-बीन चालू की।
एक समय श्री मोहनलालजी महाराज को मिले और स्वप्न की बात की तब मोहनलालजी म. ने कहा कि यह मूर्ति खंभात में है। सेठ स्वयं खंभात गए और मूर्ति की तलाश की मूर्ति मिल गई और ले जाने की बात की तब उन्होंने देने की मनाही करदी। तब सेठ ने स्वप्न आया और स्वप्न में दिखी मूर्ति खंभात में है ऐसा मोहनलालजी म. ने बात की जिससे में ढूँढने और लेने आया हूँ।
खंभात के लोगों ने मंबई माहनलालजी म. के पास इस बाल की तलाश करवाई विश्वास होने पर वह श्री आदिश्वर जी की प्रतिमा इस बाबजी के मंदिर के लिए प्राप्त हुई।
यह मंदिर तैयार हो जाने पर वि.सं. १९६० मगशिर सुदी ६को पू. मुनिराज श्री मोहनलालजी महाराज के द्वारा प्रतिष्ठा करवाई है। प्रतिमाजी३६ है। इस मंदिर पुराना बना हुआ दो मंजिल का है। प्रतिमा भव्य है। जिसका परिसर अवश्य गिना जाता तीर्थ स्वरूप यह मंदिर है। इस मंदिर का मुंबई गजट में उल्लेख है। जिससे देश विदेश के प्रवासी यहां दर्शनार्थ आते हैं।
दो मंजिल का उपाश्रय तथा आयंबिलशाला है। ४१ रोज रोड मलबार हील वालकेश्वर मुंबई - ४०० ०००